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बड़ी खबर
फगवाड़ा। जी.एन.ए. विश्वविद्यालय में एम.टेक सीएडी/सीएएम और बी डिजाइन के इंजीनियरिंग डिजाइन और स्वचालन संकाय के छात्रों ने मछली वेंडिंग के लिए मोबाइल कियोस्क के अभिनव डिजाइन पर राष्ट्रीय डिजाइन चुनौती की श्रेणी में भारत में पहला स्थान हासिल करने का गौरव प्राप्त किया है। विश्व बैंक ने पर्यावरण, खाद्य एवं ग्रामीण मामलों के विभाग (डी.ई.एफ.आर.ए.) के प्रयासों से कनवेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय डिजाईन डिजाईन चैलेंज मोबाइल क्यूसक फॉर फिश वैडिंग का आयोजन किया था ताकि साफ सफाई, मछलियों की सुरक्षा और बर्बादी को न्यूनतम किया जा सके। नेशनल डिजाइन चैलेंज का सम्मान समारोह इंडिया हैबिटेट सेंटर, दिल्ली में आयोजित किया गया था। जी.एन.ए. के विद्यार्थियों तथा इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ इंजीनियरिंग डिजाइन और स्वचालन संकाय के डीन सी.आर त्रिपाठी ने भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग के सचिव जतिंद्र नाथ स्वैन आई.ए.एस., सी.आई.आई. के कार्यकारी निदेशक के.एस. वेंकटागिरी और विश्व बैंक के विशेषज्ञ से एक लाख रुपए नकद पुरस्कार और एक ट्रॉफी प्राप्त की है। इस चैलेंज में विभिन्न इनोवेटर्स, स्टार्ट-अप्स, संगठनों, यूनिवर्सिटीस, कॉलेजों, संस्थानों और डिजाइन स्टूडियो ऑफ इंडिया से शॉर्टलिस्ट की गई कुल 150 से ज्यादा टीमों ने भाग लिया। इन टीमों में से 11 टीमों को उनके अभिनव विचारों के आधार पर अंतिम दौर के लिए चुना गया था। जी.एन.ए. विश्वविद्यालय की 2 टीमों को शीर्ष रेटेड टीमों में स्थान मिला। जी.एन.ए. विश्वविद्यालय की एक टीम ने भारत में पहला स्थान हासिल किया और दूसरी टीम को सांत्वना पुरस्कार मिला।
मूल्यांकन पैनल के सदस्यों में निदेशक, राष्ट्रीय मत्स्य पालन पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी, वरिष्ठ कार्यकारी राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, वैज्ञानिक एफ और राज्य एस एंड टी कार्यक्रम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), परिवहन स्नोमैन लॉजिस्टिक्स इंडिया के प्रमुख, ई.एस.जी. प्रबंधक रमणीय पेटू प्राइवेट लिमिटेड, मुख्य अनुसंधान एवं विकास अधिकारी, फ्रेश टू होम, कौशल विकास और क्षमता निर्माण सलाहकार, विश्व बैंक और उप कार्यकारी निदेशक, भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) सम्मान समारोह के दौरान जीएनए विश्वविद्यालय डिजाइन टीम ने सभी प्रतिनिधियों और माननीय मंत्रियों के सामने अपना डिजाइन प्रस्तुत किया। प्रतिनिधि और मंत्री टीम के आइडिया और डिजाइन से प्रभावित थे। वह जी.एन.ए विश्वविद्यालय द्वारा इस्तेमाल की जा रही इस तरह की नवीनतम तकनीक को देखकर बहुत खुश थे। समारोह के दौरान, अन्य टीमों के सदस्यों और प्रतिनिधियों ने जीएनए विश्वविद्यालय के डीन सी.आर त्रिपाठी के साथ नवीनतम प्रौद्योगिकियों और जीएनए विश्वविद्यालय में उन्हें अपनाने के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुरदीप सिंह सिहरा (प्रो चांसलर जीएनए विश्वविद्यालय और सीईओ जीएनए गियर्स लिमिटेड) एक उद्योगपति के रूप में वैश्वीकरण के इस आधुनिक युग में नई तकनीक सीखने की आवश्यकता को समझते हैं। यह सब उनके नेतृत्व में ही संभव हो पाया है। इस दौरान गुरदीप सिंह सिहरा, डॉ वी.के रतन (वाइस चांसलर जीएनए यूनिवर्सिटी), डॉ हीमंत शर्मा (प्रो वाइस चांसलर) और डॉ मोनिका हंसपाल (डीन एकेडमिक्स) ने इस अद्भुत उपलब्धि के लिए टीम के सभी सदस्यों और फैकल्टी मेंबर्स को बधाई दी है।
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