पंजाब
पंजाब के निजी अस्पतालाें में आयुष्मान स्कीम के तहत मुफ्त इलाज मिलना बंद
Ritisha Jaiswal
9 May 2022 8:48 AM GMT
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पंजाब के निजी अस्पतालाें में आयुष्मान स्कीम के तहत मुफ्त इलाज साेमवार से मिलना बंद हाे गया
पंजाब के निजी अस्पतालाें में आयुष्मान स्कीम के तहत मुफ्त इलाज साेमवार से मिलना बंद हाे गया। इसका बड़ा कारण राज्य सरकार द्वारा छह माह से प्रदेश के 700 से ज्यादा प्राइवेट अस्पतालों का करोड़ाें रुपये से अधिक का भुगतान नहीं करना है। आइएमए ने चेतावनी दी थी कि जब तक सरकार बकाया 250 करोड़ का भुगतान नहीं करती, तब तक वह मुफ्त इलाज नहीं करेंगे
पंजाब में 40 लाख के करीब कार्डधारकाें काे अब मुफ्त इलाज की सुविधा से महरूम हाेना पड़ेगा। अकेले लुधियाना जिले में ही करीब 4 लाख कार्डधारकाें काे मुफ्त इलाज नहीं मिल पाएगा। एसबीआइ बीमा कंपनी से करोड़ों रुपये का भुगतान नहीं मिलने की वजह से डाक्टरों ने मुफ्त उपचार देने की योजना से किया किनारा। कई निजी अस्पतालों ने अस्पतालों के बाहर लगे आयुष्मान योजना के नोटिस उतार दिए हैं। निजी अस्पतालों के अगले निर्णय तक सोमवार से केवल सरकारी अस्पतालों में ही मिलेगा लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ।
बठिंडा जिले में ही हैं 3.28 लाख कार्डधारक
बठिंडा जिले की बात करें तो यहां कुल 3.28 लाख आयुष्मान कार्डधारक हैं। इसमें से पिछले साल 95 हजार लोग आयुष्मान कार्ड के तहत बीमारियों को इलाज करवा चुके हैं, जिसमें सबसे अधिक 21 हजार डायलसिस के केस थे। अब इलाज नहीं हाेने के कारण मरीजाें काे परेशानियाें का सामना करना पड़ सकता है।
2019 में शुरू हुई थी योजना
पंजाब की ओर से 20 अगस्त 2019 को आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना का शुभारंभ किया गया था। सरकार ने जरूरतमंद परिवारों को पांच लाख तक की मेडिकल सुविधा निशुल्क मुहैया करवाने के उद्देश्य से योजना शुरू की थी। इसमें होने वाला खर्च केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा 60:40 के अनुपात में वहन किया जाता है।
याेजना के तहत इन बीमारियाें का हाेता था इलाज
इस योजना के तहत पुरानी बीमारियां भी कवर की जाती थी। इस योजना के जरिए अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के सभी खर्चों को कवर किया जाता था। इसके साथ ही इलाज के दौरान ट्रांसपोर्ट के जरिये होने वाला खर्च भी शामिल था। इस योजना में कोई भी व्यक्ति मेडिकल जांच, ऑपरेशन, इलाज आदि कवर होते थे।
Ritisha Jaiswal
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