पंजाब

चार साल की बच्ची के गले में चीनी डोर (मांझा) फंसने से मौत, जानिए पूरी खबर

Shiddhant Shriwas
8 Feb 2022 4:43 PM GMT
चार साल की बच्ची के गले में चीनी डोर (मांझा) फंसने से  मौत, जानिए पूरी खबर
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फाइल फोटो 

चीनी डोर बेचने पर पाबंदी है लेकिन वसंत पंचमी से कुछ दिन पहले यह बाजारों में सरेआम बिकती रही

जनता से रिस्ता वेबडेसक: स्कूल से मां के साथ स्कूटी पर घर लौट रही चार साल की बच्ची के गले में चीनी डोर (मांझा) फंसने से उसकी मौत हो गई, जबकि मां डोर से जख्मी हो गई। चीनी डोर बेचने पर पाबंदी है लेकिन वसंत पंचमी से कुछ दिन पहले यह बाजारों में सरेआम बिकती रही। पुलिस और जिला प्रशासन ने भी इस पर अंकुश नहीं लगाया।

चीनी डोर सड़क के बीच लटक रही थी, तभी वह बच्ची के गले में फंस गई। मृतक बच्ची एशलीन कौर के पिता दलजीत सिंह ने बताया कि उसकी पत्नी स्कूटी पर बेटी को स्कूल से लेकर घर लौट रही थी। जैसे ही शहर के जीरा गेट स्थित पेट्रोल पंप के नजदीक पहुंची तो सड़क के बीच लटक रही चीनी डोर बच्ची के गले में फंस गई। इस कारण बच्ची के गले से खून बहने लगा, उसे तुरंत सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया, जहां उसकी मौत हो गई।उक्त डोर से बच्ची की मां भी गंभीर रूप से जख्मी हो गई। दलजीत ने कहा कि उक्त डोर पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगे। जो भी दुकानदार इसे बेचता है और जो भी व्यक्ति इससे पतंगबाजी करता है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि वसंत पंचमी वाले दिन कई सियासी प्रत्याशियों को भी उक्त डोर से पतंगबाजी करते देखा गया है। ये लोग मकानों की छत पर चढ़कर अपने समर्थकों संग पतंगबाजी कर रहे थे ताकि इनका चुनाव प्रचार भी हो सके। वसंत वाले दिन प्रतिबंधित डोर से ही पतंगबाजी की गई है लेकिन पुलिस और जिला प्रशासन ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इन दिनों गली-मोहल्ले, सड़क और जमीन पर उक्त डोर का जाल बिछा हुआ है, कई लोग इससे जख्मी हो चुके हैं।
अफसर देते ध्यान तो न जाती एशलीन की जान
पुलिस और जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते प्रतिबंधित चीनी डोर की ब्रिकी नहीं रुक रही है। इसी का नतीजा है कि मासूम एशलीन मंगलवार को अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठी। दुकानदार चीनी डोर के गट्टू डिब्बे में बंद कर दो सौ से तीन सौ रुपये तक बेचते हैं। इन्हें रोकने टोकने वाला कोई नहीं है।
वसंत पंचमी के दिन आकाश में इस कातिल डोर का जाल बिछा हुआ था। कई पक्षी भी इसका शिकार हो गए। कई लोग भी इसकी चपेट में आकर जख्मी हुए। एक व्यक्ति की तो डोर के कारण पगड़ी ही कई जगह से फट गई। सोचिए, यदि पगड़ी न होती तो सिर जख्मी हो जाता। असल में वसंत पंचमी से दो माह पूर्व ही दुकानदार चीनी डोर खरीद कर स्टोर कर लेते हैं। इसे बेचने के लिए दुकानदार विभिन्न कंपनियों के नाम पर डिब्बे तैयार करवाते हैं, उक्त डिब्बों में चीनी डोर के गट्टू डालकर बेचते हैं ताकि किसी को पता न चले। इस बार उसकी सबसे ज्यादा बिक्री हुई है।
पुलिस और जिला प्रशासन चाहते तो वसंत पंचमी वाले दिन जो लोग मकानों की छत पर पतंगबाजी कर रहे थे, उन्हें वहीं काबू करते और दुकानदार का पता पूछ लेते लेकिन इसकी जहमत कौन उठाए। वसंत पंचमी के अगले दिन तो लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल था। डोर पांव में फंसते ही चमड़ी को काट देती है।
यही नहीं स्कूटर व बाइक पर चलने वाले लोग इससे जख्मी भी हुए हैं। गलियों व मुहल्लों की बिजली की तारों पर यह डोर लटकी हुई है। पिछले साल जीरा क्षेत्र में भी एक बाइक सवार के गले पर इस डोर ने गहरा जख्म कर दिया था। दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि कई व्यक्तियों को चीनी डोर के साथ काबू किया है।
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