पंजाब

तीन दिन में एक बार खाना, पीने को टॉयलेट का पानी, लीबिया में कई बार बेचे गए भारतीय लड़कों ने बताई कहानी

SANTOSI TANDI
26 Aug 2023 12:18 PM GMT
तीन दिन में एक बार खाना, पीने को टॉयलेट का पानी, लीबिया में कई बार बेचे गए भारतीय लड़कों ने बताई कहानी
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लड़कों ने बताई कहानी
पंजाब :सोचा था कि विदेश जाएंगे और डॉलर कमा कर लाएंगे, इसके लिए एक एजेंट से संपर्क किया. एजेंट ने 13-13 लाख रुपये लिए और तय हुआ को वह उन्हें इटली भेजेगा, जहां उन्हें उनकी पसंद का काम मिल जाएगा. तय समय पर वह हवाई जहाज में बैठ भी गए, लेकिन उनकी लैंडिंग इटली के बजाय लीबिया में हुई तो उन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी का एहसास हो गया. वहीं जब उन्हें लीबिया में बंधक बनाकर बार बार बेचा गया तो बचा खुचा हौंसला भी टूट गया.
यह कहानी भारतीय दूतावास की पहल पर लीबिया से लौटे हरियाणा पंजाब के उन युवकों की है, जो काफी समय से लीबिया की जेल में बंद थे. भारत लौटने के बाद इन युवकों ने अपनी दर्द भरी दास्तां अपने परिजनों और मीडिया को बताई है. कहा कि उनके दुखों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बंधक रहने के दौरान वह टॉयलेट का पानी पीते थे. खाने के नाम पर दो तीन दिनों में एक बार रुखी सुखी रोटी मिल जाती थी.
चूंकि वह सभी एक ऐसे कमरे में बंद थे, जिसके दरवाजे हमेशा बंद रहते थे. कमरे में एक छोटी सी सुराख थी, जिससे थोड़ी सी रोशनी और सांस लेने के लिए हवा अंदर तक आ जाती थी. बताया कि लीबिया पहुंचते ही उनके पासपोर्ट, मोबाील फोन और पैसा रुपया सबकुछ उनसे छीन लिया गया. जिसने विरोध करने की कोशिश की, उसे बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया. लीबिया से लौटे कुरुक्षेत्र के राहुल ने बताया कि एजेंट ने उन्हें बड़े बड़े सपने दिखाए थे.
इटली भेजने के नाम पर उनसे 13-13 लाख रुपए ले लिए. लेकिन उन्हें इटली के बजाय लीबिया भेज दिया. बताया कि लीबीया में उन्हें एक दो बार नहीं, बार बार बेचा गया. इस दौरान कुछ लोग लीबिया से उनके घर वालों को फोन करते थे और उन्हें जिंदा रखने के एवज में और फिरौती के तौर पर मोटी रकम वसूल करते थे.कहा कि उनसे दिनों रात काम कराया जाता था लेकिन खाने के लिए दो तीन दिनों में एक बार रुखी सुखी रोटी मिल जाती थी.
टायलेट का पानी पीकर किया गुजारा
राहुल के मुताबिक जिस कमरे में उन्हें बंद किया गया था, वहां पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं थी. मजबूरी में प्यास लगने पर वह टॉयलेट का पानी पी लेते थे. कहा कि इस तरह की मुसीबत झेलने वाले वह अकेले भारतीय नहीं थे, बल्कि उनके जैसे काफी लोग आरोपियों के चंगुल में फंसे थे. गनीमत रही कि कुछ दिनों बाद उन सभी को लीबिया की एक जेल में लाया गया.
जहां एक युवक के पास छिपा कर रखे गए फोन से उन लोगों ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया और फिर भारतीय दूतावास की ही मदद से वह वतन लौट पाए हैं. राहुल के भारत लौटने पर उसकी बहन ने बताया कि अब राहुल को दूसरी जिंदगी मिली है. जिन हालातों में वह फंसा था, उसकी वापसी मुश्किल थी. कहा कि भगवान की कृपा और भारत सरकार की मदद से उनका भाई वापस लौट पाया है.
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