न्यूज़क्रेडिट;अमरउजाला
पिछली सरकारों ने पंजाब के सिर बेतहाशा कर्ज चढ़ा दिया था और अब आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब के खजाने की हालत सुधारने में लगी है। उन्होंने कहा कि हम कम से कम कर्ज ले रहे हैं और आमदनी बढ़ाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।
पंजाब ने वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 के पहले चार महीनों के दौरान राज्य ने जीएसटी वसूली में 24.15 प्रतिशत और आबकारी वसूली में 41.23 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की है। यह जानकारी वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने दी।
पंजाब भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से सवालों के जवाब देते हुए चीमा ने कहा कि पिछली सरकारों ने पंजाब के सिर बेतहाशा कर्ज चढ़ा दिया था और अब आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब के खजाने की हालत सुधारने में लगी है। उन्होंने कहा कि हम कम से कम कर्ज ले रहे हैं और आमदनी बढ़ाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। पिछली सरकारें चार साल राज करने के बाद आखिरी साल में वोटों के लिए जागती थीं लेकिन आप सरकार ने पहले दिन से ही काम शुरू कर दिया है। उनकी सरकार ने आते ही एक विधायक एक पेंशन लागू की और वादे के मुताबिक बिजली मुफ्त कर दी है। आप सरकार कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने जा रही है लेकिन इस काम में कुछ समय लग रहा है क्योंकि कई कानूनी अड़चनें हैं, जिन्हें दूर किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वास्तविक प्राप्ति विस्तार वित्त साल 2022-23 के लिए जीएसटी में 27 प्रतिशत के अनुमानित बजट वृद्धि के बहुत नजदीक है। राज्य में 2021 के मुकाबले इस साल अप्रैल में 3.46 प्रतिशत, मई में 44.79 प्रतिशत, जून में 51. 49 प्रतिशत और जुलाई में 13.05 प्रतिशत की विस्तार दर दर्ज की गई है। नई आबकारी नीति की सफलता स्वयं बोलती है क्योंकि 2022-23 के पहले चार महीनों के दौरान आबकारी वसूली में 41.23 प्रतिशत का विस्तार दर्ज किया गया है, जिससे कुल आबकारी वसूली 2741.35 करोड़ रही। पिछले साल के दौरान इसी मियाद के लिए आबकारी वसूली 1941.05 करोड़ थी।
केंद्र सरकार से मिलने वाले जीएसटी मुआवजे संबंधी पूछे सवाल पर चीमा ने कहा कि पंजाब और अन्य राज्यों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से विनती की है कि जीएसटी मुआवजे को कुछ और सालों के लिए बढ़ाया जाए क्योंकि कुछ राज्यों की वित्तीय हालत अभी ठीक नहीं है। इस मौके पर वित्त मंत्री के साथ वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अजोए कुमार सिन्हा और विशेष सचिव (व्यय) मोहम्मद तैयब भी मौजूद थे।
सीसीएल गैप पर ब्याज की दर कम करवाई
राज्य सरकार की एक अन्य बड़ी प्राप्ति का जिक्र करते हुए चीमा ने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार द्वारा साल 2017 में सीसीएल गैप के मद्देनजर लिए गए कर्ज की रकम 30,584 करोड़ रुपये थी और इस कर्ज पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दर के हिसाब से मासिक किस्त 270 करोड़ रुपये बनती थी। पंजाब सरकार ने बैंक कंसोरटियम के साथ बातचीत करके इस कर्ज की ब्याज दर को 7.35 प्रतिशत (1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी) तय करवा दिया है, जिससे यह कर्ज जोकि सितंबर, 2034 तक अदा किया जाना था, वह अब अक्तूबर, 2033 में ही निपटा लिया जाएगा। इससे सरकारी खजाने को 3094 करोड़ रुपये की बचत होगी।
चार महीनों में की 10366 करोड़ के कर्ज की अदायगी
पंजाब सरकार द्वारा राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ सूबे से सिर चढ़े कर्ज की अदायगी के प्रयास भी शुरू किए हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि इस प्रयास के तहत चार महीनों के दौरान 10,366 करोड़ रुपये की कर्ज अदायगी की गई है जबकि इसी मियाद के दौरान सिर्फ 8100 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया। इस तरह 2266.94 करोड़ रुपये के कर्ज की कटौती की। इन अदायगियों में पंजाब राज्य कृषि सहकारी बैंक ( पीएसएसीबी) और पनसप जैसी संस्थाओं को बचाने के लिए अदा किए गए भुगतानों के अलावा बिजली सब्सिडी के लिए मासिक अदायगियां भी शामिल हैं।