न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
अवैध खनन मामले में पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 500 से ज्यादा एफआईआर दर्ज कर 589 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हाईकोर्ट ने इसे नजरअंदाज कर दिया और सरकार से पूछा कि अवैध खनन रुका है या नहीं।
पंजाब के गुरदासपुर व पठानकोट में सुबह सूरज निकलने से पहले खनन का कार्य आरंभ होता है और कई बार तो पूरी रात चलता है। सैकड़ों मजदूर इसमें जुटते हैं। ऐसे में इन अज्ञात लोगों की सरहद के पास मौजूदगी देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है। पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन से नशा व हथियार गिराने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। यह बातें बीएसएफ ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को बताई हैं।
हाईकोर्ट के आदेश पर बीएसएफ ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी है। बीएसएफ की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि कैसे देश की सुरक्षा को खतरे में डाला जा सकता है। बीएसएफ की रिपोर्ट के अनुसार सैकड़ों मजदूर जिनके बारे में पुलिस तक को जानकारी नहीं है, वे अगर सरहद के पास रहें तो उनकी मौजूदगी देश की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकती है। यह चिंता का विषय है। साथ ही ड्रोन के माध्यम से नशा तस्करी व हथियारों की सप्लाई को लेकर दी गई जानकारी पर भी हाईकोर्ट ने चिंता जताई।
सरकार की दलीलें नहीं आईं काम
पंजाब सरकार ने रिपोर्ट में बताया कि अवैध खनन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। अवैध खनन पर कार्रवाई का नतीजा है कि 500 से ज्यादा एफआईआर दर्ज कर 589 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हाईकोर्ट ने इसे नजरअंदाज करते हुए कहा कि पंजाब सरकार केवल इतना बताए कि अवैध खनन रुका है या नहीं। इस पर पंजाब सरकार का मौन देखने के बाद हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर मुख्य सचिव को खुद हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था।
सेना की रिपोर्ट आना बाकी: केंद्र
इस मामले में केंद्र सरकार ने बताया कि अभी सेना की तरफ से रिपोर्ट आना बाकी है। साथ ही केंद्र सरकार को भी अगली सुनवाई पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
यह है मामला
याचिकाकर्ता गुरबीर सिंह पन्नू ने पंजाब में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन के खिलाफ वर्ष वर्ष 2012 में जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के एडवोकेट आरएस बैंस ने आरोप लगाया था कि अवैध खनन के पीछे कई बड़े रसूखदार लोगों और नेताओं का हाथ है। अवैध खनन में वे लोग भी शामिल हैं जिनका सरकार में बड़ा प्रभाव है। सरकार और मंत्रियों के सहयोग के बिना बिना इतने बड़े स्तर पर अवैध खनन असंभव है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई सरकार नहीं कर सकती। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के तहत एसआईटी का गठन किया गया था। कोरोना के चलते लंबे समय से याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी थी। जब केस सुनवाई के लिए पहुंचा तो हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी।