पंजाब

पिता ने तरणदीप को दी मुखाग्नि; ग्रामीणों ने याद में अस्पताल बनाने की मांग की

SANTOSI TANDI
21 Aug 2023 9:26 AM GMT
पिता ने तरणदीप को दी मुखाग्नि; ग्रामीणों ने याद में अस्पताल बनाने की मांग की
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अस्पताल बनाने की मांग की
जम्मू कश्मीर के लेह रोड पर सेना की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने से शहीद हुए फतेहगढ़ साहिब की तहसील बस्सी पठाना के गांव कमाली के जवान तरणदीप सिंह (23) का पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर 12 बजे के करीब घर पहुंचा। सेना अधिकारी शव को तिरंगे में लपेटकर घर लेकर आए। जिसके बाद श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान आसपास के गांव के हजारों लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
जिसके बाद श्मशान घाट में पार्थिव देह पर सेहरा सजाकर परिवार ने अंतिम विदाई दी। वहीं, पिता केवल सिंह ने शहीद तरणदीप की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान शहीद तरणदीप अमर रहे के नारे गूंज उठे। इस दौरान ग्रामीणों ने शहीद की याद में अस्पताल बनवाने की मांग की।
वहीं, दूसरी तरफ डीसी परनीत कौर शेरगिल, एसएसपी डॉक्टर रवजोत कौर ग्रेवाल, विधायक रूपिंदर सिंह हैप्पी भी शहीद के अंतिम दर्शन करने और परिवार के साथ दुख साझा करने पहुंचे। विधायक हैप्पी ने कहा कि उनका भाई ड्यूटी के दौरान शहीद हो गया। यह परिवार उनका अपना परिवार है। सरकारी और वह निजी तौर पर परिवार के साथ हैं।
श्मशानघाट में शहीद तरणदीप की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र चढ़ाकर अंतिम दर्शन के बाद सलामी देता सेना का जवान।
श्मशानघाट में शहीद तरणदीप की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र चढ़ाकर अंतिम दर्शन के बाद सलामी देता सेना का जवान।
आसपास के सैकड़ों लोग अंतिम यात्रा में हुए शामिल
शहीद तरणदीप सिंह की अंतिम यात्रा में आसपास के गांव के सैकड़ों लोग शामिल हुए। गांव कमाली के श्मशानघाट पहुंचने पर पार्थिव देह को डीसी-एसएसपी समेत सेना के अधिकारियों ने पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। वहीं, परिवार के लोगों ने पार्थिव देह पर सेहरा सजाकर अंतिम विदाई दी। इस दौरान हर किसी की आंखें नम दिखाई दीं।
शहीद तरणदीप का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने पर रोते-बिलखते परिजन।
शहीद तरणदीप का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने पर रोते-बिलखते परिजन।
तरणदीप की मौत से इलाके में शोक
तरणदीप की मौत के बाद से पूरे एरिया में शोक पसरा हुआ था। तरणदीप दिसंबर 2018 में भर्ती हुआ था। परिवार का इकलौता बेटा था। इस साल दिसंबर में शहीदी सभा पर फतेहगढ़ साहिब में नतमस्तक होने और परिवार को मिलने छुट्टी पर आना था। इससे पहले खुद शहीद हो गया।
तिरंगे में लिपटकर पहुंची पार्थिव देह।
तिरंगे में लिपटकर पहुंची पार्थिव देह।
तरणदीप सिंह के पिता केवल सिंह ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पर छुट्टी काटने के बाद उसका बेटा लेह लद्दाख में ड्यूटी पर गया था। वहां दूसरे साथियों के साथ किसी जगह पर होने वाली खेलों में शामिल होने जा रहे थे। रास्ते में गाड़ी का स्टेयरिंग लॉक होने से हादसा हो गया।
खुद से पहले करना चाहता था बहन की शादी
परिवार में तरणदीप सिंह की शादी को लेकर अकसर बातें होती रहती थी। लेकिन तरणदीप ने मना कर दिया। उसकी तमन्ना यह भी कि पहले वह अपनी बड़ी बहन की शादी करेगा। उसके बाद खुद शादी करेगा। बहन के लिए अच्छा लड़का परिवार वाले देख रहे थे।
दिसंबर में तरणदीप के आने पर बहन की शादी को लेकर भी आपस में पारिवारिक फैसला लेना था। तरणदीप के पिता छोटे किसान हैं। साढ़े 3 एकड़ जमीन में खेती करके परिवार को चलाते हैं।
आखिरी बार मां से डेढ़ घंटा हुई बात
परिवार ने बताया- बेटे ने आखिरी बार मां से डेढ़ घंटे तक बात की थी। क्योंकि लेह लद्दाख में नेटवर्क की समस्या के कारण बात नहीं हो पानी थी।
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