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पटियाला : वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से किए प्रबंधों की वजह से किसान इस बार पराली को आग नहीं लगाएंगे, बल्कि इससे लाभ कमाएंगे। वित्त मंत्री आज यहां रौनी कृषि विज्ञान केंद्र में पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की तरफ से करवाए किसान मेले का उद्घाटन करने पहुंचे हुए थे। इस मौके पर विधायक डॉ. बलबीर सिंह, पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के उप कुलपति डॉ. एसएस गोसल, डिप्टी कमिशनर साक्षी साहनी और पूर्व उप कुलपति डां. एमएस कंग विशेष तौर पर मौजूद थे।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि किसानों और किसान जत्थेबंदियों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ वायदा करते हुए पराली को आग न लगाने का प्रण किया है, इसलिए पंजाब सरकार ने पराली को आग न लगाने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ नए लगे कारखाने के ब्वायलरों में बरतने के लिए पराली को खेतों में से ही उठवाने के आगामी प्रबंध भी किए हैं।
वित्त, योजना और आबकारी और कराधान मंत्री ने किसान मेले में फसलों के प्रदर्शनी प्लांट देखने और अलग-अलग प्रदर्शनियों का जायज़ा लेने के बाद किसानों के भारी इक्टठ को संबोधन करते हुये न्योता कि वह गुरूयों के संदेश के मुताबिक वायु, जल और धरती को बचाने के लिए कुदरती खेती को प्राथमिकता दें। राज्य में भूजल पानी पक्ष से डार्क जोन बनने पर चिंता प्रकटाते हुये स. चीमा ने कहा कि किसान नयी तकनीकों के सहारे रिवायती फ़सली चक्र को तोड़ के सहायक धंधों के साथ जुड़ें, जिससे खेती को फायदेमंद धंधा बनाया जा सके। चीमा ने बताया कि चाइनीज वायरस के हमले से धान की फ़सल के बचाव के लिए खेती माहिरों को ज़रुरी निर्देश दे दिए गए हैं।
पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए एक सवाल के जवाब में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भाजपा का 'ओपरेशन लोटस' पहले दिल्ली में फेल हुआ और अब पंजाब के विधायकों ने अपनी पार्टी के साथ चट्टान की तरह खड़ा होते हुए इसको फेल कर दिया है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से अपनी पार्टी के भाजपा के साथ विलय के बारे वित्त मंत्री ने कहा वह तो पिछले 5 साल से ही भाजपा के साथ मिलकर चल रहे थे।
किसान मेले के दौरान अलग-अलग खेती माहिरों का सम्मान भी किया गया जबकि किसानों को संशोधित नई किस्मों के बीज भी बांटे गए।
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