एस. सिंह/चंडीगढ़: पंजाब में बीते सप्ताह से हो रही भारी बारिश के चलते मुक्तसर जिले के करीब 100 गावों के किसानों की लगभग 1.8 लाख एकड़ कृषि भूमि पानी में डूब गई है. जिले के निचले इलाकों में कुछ घरों को भी नुकसान पहुंचा है. हालांकि जिला प्रशासन ने कहा कि खेतों से पानी निकालने के लिए पम्पिंग सेट लगाए गए हैं. उसके दावों के मुताबिक एक-दो दिन में पानी निकाल दिया जाएगा. सतलुज नदी का पानी फिरोजपुर के हरिके पत्तन से पाकिस्तान की ओर बहता है, लेकिन यह पानी फाजिल्का के मोहर जमशेर गांव में भारत में प्रवेश करता है और फिर से पाकिस्तान की ओर बहने के लिए यू-टर्न लेता है.
मोहर जमशेर गांव से 2 किमी आगे पाकिस्तान द्वारा सतलुज नदी पर बने बैराज के गेट फिलहाल खोल दिए गए हैं, जिससे पानी पाकिस्तान की ओर बह जाएगा. फाजिल्का के उपायुक्त डॉ हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि पानी की निकासी अब तेज गति से शुरू हो गई है. मुक्तसर से फाजिल्का की ओर पानी का बहाव होने से फाजिल्का के करीब 10 गांव भी आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं. मुक्तसर में शुक्रवार को करीब 89 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. नतीजतन, कपास के कई खेत, धान और सब्जी के खेत पानी में डूब गए हैं. लंबी गांव के किसानों का कहना है कि कई एकड़ मूंग की फसल पानी के नीचे है.
पानी निकलता है तो धान की फसल बच जाएगी
किसानों ने कपास की बुवाई की थी जिस पर पहले सफेद मक्खी का हमला हुआ था. किसानों का कहना है कि अब लगता है कि बारिश के पानी से फसल को नुकसान होगा. अगर 2-3 दिन में पानी निकल जाता है तो धान की फसल बचने की अब भी कुछ उम्मीद है. बताया जाता है कि मुक्तसर के नगर क्षेत्र में भी बाजारों में दुकानों में पानी घुस गया और घंटों बाद निकल गया. एक दिन की भारी बारिश के कारण सभी चार निर्वाचन क्षेत्रों मुक्तसर, गिद्दड़बाहा, लंबी और मलौट के अंतिम छोर के गांव प्रभावित हुए हैं. किसानों ने बारिश से हुए फसलों के नुकसान के लिए सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है.
शिअद और कांग्रेस अध्यक्ष ने किया क्षेत्र का दौरा
इस बीच शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने मुक्तसर के कुछ प्रभावित गांवों का दौरा किया है और प्रभावित क्षेत्र की तत्काल गिरदावरी की मांग की है. जबकि रविवार को पीपीसीसी अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने गिद्दड़बाहा के कुछ गांवों का दौरा किया था और फसलों को नुकसान के लिए किसानों को 35,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि पहले से उचित उपाय किए जाते और नालों को समय पर साफ किया जाता, तो नुकसान से बचा जा सकता था. वड़िंग ने दावा किया कि कांग्रेस के पिछले पांच वर्षों के शासन के दौरान, सभी सावधानियां और निवारक उपाय पहले से किए गए थे और परिणामस्वरूप, बाढ़ नहीं आई और फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ.