कल रात तेज आंधी और बारिश के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो गई और बड़ी संख्या में वन विभाग के टीन शेड और सूखे पेड़ उखड़कर कुछ नहरों में गिर गए, जिससे नहरें ओवरफ्लो होने लगीं। किसानों को डर है कि अंतरराज्यीय सीमा के पास से गुजरने वाली पंजावा नहर में तीन दरारें विकसित हो सकती हैं।
बीकेयू (खोसा) के अध्यक्ष गुणवंत सिंह और उनके सहयोगी गुरसेवक सिंह ने कहा कि वे अन्य किसानों के साथ मौके पर पहुंचे और नहर में गिरे पेड़ों को बाहर निकालकर दरार को रोका।
गुणवंत सिंह ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में वन विभाग द्वारा लगाए गए सैकड़ों पेड़ सूख गए हैं और उनमें दरारें पड़ गई हैं। उन्होंने कहा कि भाकियू ने इस संबंध में कई बार उच्च अधिकारियों को नहर किनारे लगे सूखे पेड़ों को उखाड़ने के लिए लिखा है, लेकिन विभाग अभी भी गहरी नींद में है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सूखे पेड़ों को नहीं उखाड़ा गया तो किसान खुद ही उन्हें उखाड़ देंगे। अगर वन विभाग के अधिकारी किसानों से पूछताछ करने आएंगे तो उन्हें मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ेगा।
नहर विभाग के एसडीओ जसविंदर सिंह ने बताया कि बीती रात आए तूफान के कारण नहर की टेल में कुछ पेड़ व घास फंस गई थी। जिसे किसानों के सहयोग से साफ कर दिया गया था। एसडीओ ने कहा कि किसानों की मांग है कि नहर के किनारे लगे सूखे पेड़ों को उखाड़ा जाये, इस संबंध में वन विभाग से बातचीत चल रही है.