पंजाब की जेलों में बंद कैदी मोबाइल से विदेश में बैठे नशा तस्करों से डील कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश कर चंडीगढ़ पुलिस की अपराध शाखा ने यह खुलासा किया। अब तक इस रैकेट के छह लोग पकड़े जा चुके हैं। इनसे 78 लाख रुपये की ड्रग मनी, 200.48 ग्राम हेरोइन और एक पिस्टल बरामद हुई है। रैकेट के तार हवाला कारोबार से भी जुड़े हैं।
एसपी क्राइम केतन बंसल ने शनिवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि यूटी पुलिस फिरोजपुर (पंजाब) की जेल से मोगा निवासी जगजीत उर्फ जग्गा (33) को प्रोडक्शन वारंट पर लाई है। जग्गा जेल से ही नशे का नेटवर्क चला रहा था। वह पाकिस्तान में बैठे नशा तस्करों और पंजाब के हवाला ऑपरेटरों के संपर्क में था। उसे जैसे ही पता चला कि चंडीगढ़ पुलिस ने उसके प्रोडक्शन वारंट के लिए अर्जी लगाई है, उसने जेल में ही अपना मोबाइल तोड़ दिया।
बंसल ने बताया कि जग्गा सात मामलों में पकड़ा जा चुका है। इनमें तेजधार हथियार से हमला करने, हत्या के प्रयास, एनडीपीएस एक्ट समेत कई धाराओं के केस दर्ज हैं। ये मामले वर्ष 2014 से 2020 के बीच पंजाब में दर्ज हुए थे। इनमें से तीन में मुकदमा चल रहा है। दो में वह बरी हो चुका है और एनडीपीएस एक्ट के दो मामलों में उसे 10 और 11 साल की सजा हुई है। यह रैकेट हर महीने 7 से 8 किलो हेरोइन की तस्करी करता था और ड्रग मनी का इस्तेमाल संपत्ति से जुड़े अपराध में कर रहा था। गैंगस्टरों से संबंध के एंगल पर भी जांच की जा रही है।
फिरोजपुर से जुड़े इस रैकेट के तार ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान से भी जुड़े हैं। यह गिरोह पाकिस्तान से ड्रोन और नदियों के जरिए प्लास्टिक बोतलों में नशा मंगवाता था। गिरोह आपस में बातचीत के लिए अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप और वर्चुअल नंबर का इस्तेमाल करता था। हवाला के जरिए पाकिस्तानी तस्करों तक ड्रग मनी पहुंचाई जाती थी। चंडीगढ़ पुलिस ने केस की जानकारी एनसीबी, पंजाब पुलिस और अन्य एजेंसियों से भी साझा की है ताकि व्यापक स्तर पर कार्रवाई हो सके।
बता दें कि जगजीत उर्फ जग्गा, रविंदर उर्फ रवि और चंदन रिमांड पर हैं जबकि आरोपी शुभम, पुनीत और पवनप्रीत को न्यायिक हिरासत में बुड़ैल जेल भेजा जा चुका है। गिरोह से अपराध शाखा की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स इस इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट को तोड़ने के लिए पिछले कई दिनों से ऑपरेशन चला रखा है और अभी कई और गिरफ्तारियां होनी बाकी हैं