
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
सिंबल पर पंचायत चुनाव लड़ने के लिए भाजपा एकमत नहीं है। कार्यकर्ताओं की राय के बाद प्रदेश चुनाव समिति पर निर्णय छोड़ दिया गया है। दिल्ली में हुई सरकार-संगठन की बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई।
पंचायत चुनाव सिंबल पर लड़ने को लेकर हरियाणा भाजपा एकमत नहीं है। बुधवार को दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में हुई सरकार-संगठन की बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई। गेंद प्रदेश चुनाव समिति के पाले में डाल दी गई। अब समिति ही अंतिम निर्णय लेगी कि चुनाव सिंबल पर लड़ना है या नहीं।
बीते दिनों चंडीगढ़ में हुई बैठक में कार्यकर्ताओं से राय लेने पर सहमति बनी थी। सभी जिलों से आए फीडबैक को बैठक में रखा गया। जिसमें कुछ ने सिंबल पर लड़ने तो कुछ ने बिना सिंबल पर लड़ने का सुझाव दिया था। संगठन और सरकार के कुछ लोग चाहते हैं कि जिला परिषद और ब्लॉक समिति का चुनाव सिंबल पर लड़ना चाहिए, जबकि अधिकांश इसके भी खिलाफ हैं।
गांव स्तर का चुनाव होने के कारण पार्टी में दो राय है, चूंकि इन चुनावों में रिश्ते बिगड़ने के साथ राजनीतिक नुकसान होने की काफी आशंका रहती है। एक पंचायत, जिला परिषद और ब्लॉक समिति वार्ड में अनेक उम्मीदवार उतरते हैं। उनमें अधिकतर विधायकों, मंत्रियों और अन्य नेताओं के समर्थक रहते हैं। सिंबल पर चुनाव होने से किसी एक का ही पार्टी व उसके नेता समर्थन कर पाएंगे, जिससे अन्य नाराज होंगे।
यह देखते हुए चुनाव समिति पर अंतिम फैसला छोड़ दिया गया है। बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, भाजपा संसदीय बोर्ड की सदस्य सुधा यादव, प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़, प्रदेश संगठन महामंत्री रवींद्र राजू, सांसद कृष्ण पंवार, नायब सैनी, धर्मवीर, प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल, कृषि मंत्री जेपी दलाल, राज्य मंत्री संदीप सिंह ने अपने-अपने विचार रखे। बैठक में मौजूद प्रदेश भाजपा पंचायत चुनाव समिति के सदस्यों की राय भी जानी गई।
