पंजाब
पाक ड्रोन के जरिए पंजाब पहुंचे विदेशी हथियार दे रहे खतरनाक संकेत, हो सकती हैं बड़ी वारदात
Shantanu Roy
14 Oct 2022 6:58 PM GMT
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बड़ी खबर
अमृतसर। पाकिस्तानी ड्रोन के जरिए मंगवाई गई एम.पी 4 राइफल सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से पंजाब में पहली बार पकड़ी गई है इससे पहले आमतौर पर हैरोइन तस्कर व आतंकवादियों का गठबंधन ऐ.के 47 जैसी राइफलें पाकिस्तान से मंगवाते थे लेकिन अति अत्याधुनिक तकनीक वाली एम.पी 4 राइफल का पंजाब में आगमन एक खतरनाक संकेत दे रहा है और आने वाले दिनों में किसी बड़ी वारदात की तरफ इशारा कर रहा है। एम.पी 4 राइफल की बात करें तो इस राइफल को अमेरिकन राष्ट्रपति के गार्ड प्रयोग करते हैं क्योंकि यह राइफल वजन में हलकी होती है और इसका निशाना भी सटीक होता है। सुरक्षा एजैंसियों के सूत्रों के अनुसार जिस प्रकार से गायक शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला को ऐ.के 47 जैसी राइफल के साथ कत्ल किया गया कुछ ऐसी ही वारदात आने वाले दिनों में संभव हो सकती है चाहे यह वारदात किसी बड़ी गैंगवॉर के रुप में हो या फिर किसी नामी व्यक्ति को निशाना बनाने जैसी वारदात के रुप में हो। हालांकि सुरक्षा एजैंसियों ने इस संबंध में पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था और पंजाब पुलिस की तरफ से दावा किया जा रहा है कि हालात काबू में है लेकिन जिस प्रकार से मूसेवाला हत्याकांड में वांछित गैंगस्टर दीपक टीनू पुलिस हिरासत से फरार हो जाता है वह पंजाब पुलिस के दावों की भी पोल खोल रहा है।
हैरोइन तस्करों, आतंकवादियों व गैंगस्टरों ने किया गठबंधन
पांच से छह वर्ष पहले ज्यादातर हैरोइन तस्कर सिर्फ हैरोइन की तस्करी ही करते थे और हथियार मंगवाने की तरफ नहीं सोचते थे लेकिन जैसे ही हैरोइन तस्करों, आतंकवादियों व गैंगस्टरों ने अपना गठबंधन बनाया है तब से हैरोइन की डिलीवरी के साथ हथियारों की भी खेप भेजी जा रही है। इन हथियारों को आतंकी गतिविधियां करने, गैंगस्टरों की आपसी लड़ाई व वारदातों को अंजाम देने के लिए प्रयोग किया जा रहा है जिससे आए दिन गैंगवॉर व गोली चलने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं।
जेलों से चल रहा नैटवर्क तोडऩे में नाकाम एजैंसियां
कांउंटर इंटैलीजैंस अमृतसर की तरफ से हाल ही में हथियारों की बड़ी खेप पकडऩे व अन्य बड़े केसों में जेलों के अन्दर से चल रहे नैटवर्क का ही खुलासा हुआ है लेकिन इस मामले में हैरानीजनक पहलू सामने आ रहा है कि सुरक्षा एजैंसियां चाहे केन्द्र सरकार की एजैंसियां हो या फिर राज्य सरकार की एजैंसियां हों जेलों से चलने वाले आतंकी व तस्करों के नैटवर्क को तोडऩे में बिल्कुल नाकाम साबित रही हैं। आए दिन जेलों के अन्दर खतरनाक अपराधियों से मोबाइल फोन पकड़े जा रहे हैं यहां तक कि गायक शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला के कातिलों से भी मोबाइल फोन पकड़े जा चुके हैं जो साबित करता है कि जेलों से शरेआम तस्करों व गैंगस्टरों का नैटवर्क चल रहा है और कुछ जेल प्रबंधकीय अधिकारी भी मिलीभुगत किए हुए हैं।
सुरक्षा एजैंसियों में आपसी तालमेल की भारी कमी
सूचनाओं का आदान प्रदान करने के मामले में केन्द्रीय व राज्य सरकार की एजैंसियों के बीच तालमेल की भारी कमी नजर आ रही है जिससे आतंकी संगठनों व गैंगस्टरवाद को बढ़ावा मिल रहा है। केन्द्र व राज्य सरकार की एजैंसियों के बीच बहुत कम बार बैठकों का दौर चलता है और ज्यादातर मामलों में एक दूसरे को पछाडऩे की होड़ लगी रहती है।
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