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कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है।
चंडीगढ़, विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि दलित मेरे सिर का ताज है। दलित समाज का अपमान तो सही मायने में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया है। चुनाव से पहले वादा किया था कि पंजाब में 'आप' की सरकार आई तो दलित नेता को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। इस वादे को पूरा करने का मुद्दा वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कभी केजरीवाल के सामने नहीं उठाया।
प्रताप सिंह बाजवा बुधवार को कांग्रेस भवन में हरपाल चीमा के आरोपों का जवाब दे रहे थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि बाजवा ने भदौड़ के विधायक लाभ सिंह उगोके के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग करके दलित समुदाय का अपमान किया। बाजवा ने आज मीडिया के सामने दो वीडियो चलाए। एक में वह बोल रहे हैं, कैसे लोग सामने आ गए हैं। कोई कहता हैं मैं गढ़शंकर से, एक मोबाइल चार्जर वाला है, पहले दिन साइकिल से आते हैं और दूसरे ही दिन फॉर्च्युनर से।
दूसरे वीडियो में अरविंद केजरीवाल बोलते हैं, लाभ सिंह उगोके ने चन्नी को हराया है। उगोके मोबाइल रिपेयर करने वाली दुकान पर काम करता था। बाजवा ने कहा, "जो केजरीवाल ने कहा, मैंने वहीं दोहराया।" उन्होंने हरपाल चीमा द्वारा इस बयान को जातीय रंगत देने की निंदा करते हुए कहा, "असल मुद्दा यह है कि केजरीवाल दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से समय मांग रहे हैं। एक महीना हो गया केजरीवाल को समय नहीं मिल रहा है। चूंकि मैंने केजरीवाल को समर्थन देने का विरोध किया है। इसलिए केजरीवाल के इशारे पर चीमा दलित नेताओं को लेकर चार दिन बाद सामने आते हैं।
कटारूचक का जिक्र कर चीमा पर निशाना
बाजवा ने कहा कि चीमा अपने साथ कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक को बैठाते हैं। कटारूचक को कैबिनेट से हटाने के लिए राज्यपाल मुख्यमंत्री को कह चुके हैं। नेशनल एससी आयोग ने तीसरी बार सरकार को नोटिस जारी किया है, क्योंकि पीड़ित केशव पंजाब में आकर अपना बयान नहीं दर्ज करवा सकता है।
आम आदमी पार्टी को बताया RSS की बी टीम
बाजवा ने फिर दोहराया कि आम आदमी पार्टी आरएसएस (RSS) की बी टीम है और इसका का काम भाजपा की मदद करना है। हरपाल चीमा द्वारा एक सप्ताह में माफी मांगने के दिए गए अल्टीमेटम पर बाजवा ने कहा, "अगर मैंने किसी के खिलाफ गलत बोला होता तो मुझे माफी मांगने में कोई गुरेज नहीं होता, लेकिन मैंने किसी जाति के खिलाफ कुछ नहीं बोला, इसलिए माफी मांगने का सवाल नहीं उठता।"
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