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चंडीगढ़। आनंद कारज का लेखक कौन है? इस प्रश्न को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। इसे लेकर भी प्रश्न खड़े हो गए कि कहीं प्रश्न ही गलत तो नहीं क्योंकि श्री गुरु ग्रंथ साहिब में आनंद साहिब और 4 लांवां यानी आनंद कारज के लेखक अलग-अलग हैं। आनंद साहिब गुरु अमर दास ने व लांवां गुरु रामदास जी द्वारा लिखी बताई गई हैं। आनंद साहिब का जाप सिखों से जुड़े हर एक कार्यक्रम में किया जाता है जबकि 4 लांवां केवल सिख रीति-रिवाज से होने वाले विवाह समारोह में पढ़ी जाती हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका का निपटारा करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह भी इस सवाल के जवाब को लेकर असमंजस की स्थिति में है। क्योंकि कोर्ट कोई विशेषज्ञ नहीं इसलिए इस प्रश्न के सही जवाब क्या हैं, इसके लिए एक्सपर्ट्स की कमेटी का गठन किया जाए जो कि 4 सप्ताह के भीतर यह तय करेगी कि उक्त सवाल का सही जवाब क्या हो सकता है या पूछा गया प्रश्न ही कहीं गलत तो नहीं।
उक्त याचिका पंजाब पुलिस की महिला कांस्टेबल प्रभजोत कौर व अन्य ने दाखिल की थी जिनका आरोप था कि पंजाब पुलिस की ओर से हैड कांस्टेबल की प्रमोशन के लिए लोअर स्कूल परीक्षा 2017 में ली गई थी जिसमें एक सवाल था कि आनंद कारज के लेखक कौन थे? ऑप्शन में 4 सिख गुरुओं के नाम दिए गए थे, जिसमें ऑप्शन सी में गुरु अमरदास जी व डी में गुरु रामदास जी लिखा गया था। याची का दावा है कि प्रश्न का जवाब गुरु रामदास है, क्योंकि आनंद कारज 4 लांवां को कहा जाता है जिसे विवाह के वक्त पढ़ा जाता है।
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