पंजाब
अध्यापक दिवस पर फूटा कंप्यूटर अध्यापकों का गुस्सा, फूंके रेगुलर सेवाओं वाले Orders
Shantanu Roy
5 Sep 2022 1:25 PM GMT
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लुधियाना। देश भर में आज जहां अध्यापक दिवस मनाते हुए विद्यार्थियों ने अध्यापकों की सराहना की वहीं पिछले डेढ़ दशक से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे कंप्यूटर अध्यापकों द्वारा रेगुलर सेवाओं वाले ऑर्डर की कापी फूंकते हुए राज्य सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाकर रोष प्रदर्शन किया। कंप्यूटर अध्यापक नेता परमवीर सिंह पममी ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर पहल के आधार पर कंप्यूटर अध्यापकों के अधिकार बहाल करने का आश्वासन दिया गया था। दिसंबर महीने के दौरान खरड़ में लगे राज्य स्तरीय धरने में खुद मौजूदा कैबिनेट मंत्री गगन अनमोल मान द्वारा सरकार बनने पर कंप्यूटर अध्यापकों को उनके बनते लाभ देने की बात कही गई थी परन्तु इसके विपरीत सरकार और सरकारी आधिकारियों से मीटिंगों के एक लंबे दौर के बाद भी कंप्यूटर अध्यापक अपने अधिकारों से वंचित हैं।
उन्होंने कहा आम आदमी पार्टी की सरकार से उममीद थी कि उनके अधिकार जल्दी बहाल कर दिए जाएंगे परन्तु सरकार द्वारा कंप्यूटर अध्यापकों के साथ सिर्फ टाल मटोल और पक्षपात वाली नीति ही अपनाई जा रही है। यदि सरकार ने उनकी माँगों को न माना तो वह भूख हड़ताल और आमरण अनशन पर बैठने के लिए मजबूर होंगे महिला अध्यापक नेता राजवंत कौर ने कहा कि 2011 में तत्कालीन राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए उन की सेवाओं वोकेशनल मास्टर के ग्रेड के साथ रेगुलर किया था परन्तु इसे त्रासदी ही कहा जाएगा कि 11 वर्ष बीत जाने के बाद भी उन को रेगुलर कर्मचारियों वाले लाभ नहीं दिए गए, जो कि नोटिफिकेशन अनुसार उनका हक है। कंप्यूटर अध्यापक नेता प्रदीप मलूका, प्रभजोत सिंह बल्ल, परमवीर सिंह पंमी, गुरदीप सिंह बैंस, राजदीप मानसा, हरवीर सिंह फतेहगढ़ साहिब, नरिंदर कुलार लुधियाना, जोनी सिंगला आदि ने मांग की कि उनके ऑर्डर्स में दर्ज़ पंजाब सिविल सर्विसेज रूल्स के अनुसार उनको बनते लाभ दिए जाएं।
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