मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राजस्थान के भिवाड़ी से हरियाणा के धारूहेड़ा क्षेत्र में आने वाले औद्योगिक इकाइयों के रसायनयुक्त पानी की समस्या का हर हाल में समाधान किया जाएगा। 24 घंटे के अंदर हरियाणा व राजस्थान के अधिकारियों की संयुक्त इंस्पेक्शन टीम बनाई जाएगी। यह टीम समस्या के स्थाई समाधान के सभी बिंदुओं पर विचार करेगी। सीएम रविवार सुबह धारूहेड़ा के जंगल बबलर पर्यटन केंद्र सभागार में हरियाणा व राजस्थान के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि भिवाड़ी से निकलने वाले रसायनयुक्त पानी की वजह से धारूहेड़ा के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या का स्थाई समाधान आवश्यक है और बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि हरियाणा व राजस्थान के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनेगी। यह एक तरह की तालमेल कमेटी होगी और इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए लगातार कार्य करेगी।
उन्होंने कहा कि पानी के बहाव को चेक करने के लिए तीन संयुक्त फ्लो मीटर लगाए जाएंगे। इसके अलावा पानी की गुणवत्ता और रियल डेटा के लिए तीन ओएमसी लगाए जाएंगे जो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधीन कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि अगले माह 31 अगस्त तक राजस्थान के भिवाड़ी में एक क्लोज कंडक्टर बनाया जाएगा जो इंडस्ट्रियल वेस्ट को सीईटीपी तक ले जाएगा। इसके बाद इस गंदे पानी को ट्रीट कर आगे इस्तेमाल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भिवाड़ी और धारूहेड़ा के बीच में पानी का प्राकृतिक फ्लो समस्या नहीं है बल्कि रसायनयुक्त पानी सबसे बड़ी समस्या है। दोनों प्रदेशों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस समस्या का स्थाई समाधान आवश्यक है। उन्होंने राजस्थान सरकार के अधिकारियों से कहा कि अगर यह समाधान नहीं होता तो हरियाणा सरकार इसके लिए कठोर विकल्प भी तलाश करेगी।
बैठक में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव प्रदीप कुमार, रेवाड़ी के उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा, अतिरिक्त उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल, अलवर के कलेक्टर पुखराज सैन, भिवाड़ी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की सीईओ श्वेता चौहान, एसडीएम तिजारा महेंद्र सिंह सहित दोनों प्रदेशों के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।