पंजाब

सीएम चन्नी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, किसानों के लिए की यह मांग

Kunti Dhruw
30 Nov 2021 7:04 PM GMT
सीएम चन्नी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, किसानों के लिए की यह मांग
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चंडीगढ़ खबर

चंडीगढ़, केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद में एक विधेयक पारित होने के एक दिन बाद मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर किसानों और खेत मजदूरों का कर्ज पूरी तरह से माफ करने की मांग की।

चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार कर्ज माफी की रकम का एक हिस्सा केंद्र के साथ साझा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं ने अपनी मांगों के साथ हाल में चंडीगढ़ में उनसे मुलाकात की थी और सिर्फ एक बड़ा मुद्दा लंबित है, जो कृषि कर्ज का है।मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है, ''तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की आपकी घोषणा के साथ, किसान और सरकार कुछ बड़े लंबित मुद्दों को हल करने की दिशा में एक कदम नजदीक बढ़ गये हैं। ये मुद्दे तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग के साथ केंद्र बिंदु में थे। इनमें सबसे प्रमुख मुद्दा कृषि कर्ज का है।'' उन्होंने लिखा है, ''भारत सरकार के रुख बदलने के बाद उम्मीद की एक किरण आई है। '' चन्नी ने पत्र में लिखा है, ''प्रधानमंत्री जी, पंजाब के किसान उनमें से एक हैं जो राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा को पूरा करते हैं और उन्होंने हरित क्रांति में एक अहम भूमिका निभाई है। आज के भरे हुए गोदाम उनके अथक परिश्रम के गवाह हैं...। ''
उन्होंने लिखा है, ''हालांकि, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए हमारे स्वाभिमानी किसान कर्ज के बोझ तले दब गये। जब वे खेतों में कड़ी मेहनत कर रहे थे तब उनके बेटे अपनी जान की बाजी लगाकर संवेदनशील सीमाओं की रक्षा कर रहे थे। भारत धरती के इन सपूतों का कर्जदार है।'' मुख्यमंत्री ने कहा, ''कोई भी बैंक या गैर बैंकिंग संस्थान को कृषि कर्ज की वसूली के लिए हमारे किसानों या खेत मजदूरों के घर नहीं पहुंचना चाहिए, जो इन लोगों की आत्महत्या का मूल कारण है।''
चन्नी ने पत्र में लिखा है, ''इसलिए मैं आपसे किसानों और खेत मजदूरों के कर्ज को पूरी तरह से माफ करने का अपना प्रस्ताव स्वीकार करने का आग्रह करता हूं। मेरी सरकार कर्ज के इस बोझ को भारत सरकार के साथ साझा करने के लिए तैयार है।'' इस बीच, विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के लिए चन्नी पर निशाना साधा और उन पर किसानों का कर्ज माफ करने के कांग्रेस के चुनावी वादे को निभाने में विफल रहने का आरोप लगाया।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह पत्र लिखकर कांग्रेस सरकार ने स्वीकार किया है कि 2017 में सत्ता में आने से पहले पंजाब के किसानों से पूर्ण कृषि ऋण माफी के वादे को लागू करने का उसका कोई इरादा नहीं था।वहीं, भाजपा की पंजाब इकाई के महासचिव सुभाष शर्मा ने भी कांग्रेस को अपने कृषि ऋण माफी के वादे के बारे में याद दिलाने की मांग की और राज्य सरकार पर अपनी जिम्मेदारी से बचकर भागने का आरोप लगाया।


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