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पंजाब : उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी पर पंजाब में सियासत गरमाने लगी है। सुप्रीम कोर्ट में मुख्तार अंसारी की पैरवी पर खर्च 55 लाख रुपये की वसूली पर रविवार को पंजाब के सीएम भगवंत मान ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस खर्च को तत्कालीन गृह मंत्री और जेल मंत्री से वसूल करेंगे। बता दें कि उस समय पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार थी और गृह विभाग अमरिंदर सिंह के ही पास था। वहीं सुखजिंदर सिंह रंधावा जेल मंत्री थे।
यह है मामला
यूपी में मुख्तार के खिलाफ कई केस दर्ज हैं। यूपी पुलिस अंसारी को हिरासत लेना चाहती थी लेकिन पंजाब सरकार गैंगस्टर का मेडिकल ग्राउंड दिखाकर उसे सौंपने से इन्कार कर देती थी। आखिर में यूपी पुलिस सुप्रीम कोर्ट पहुंची तो वहीं कैप्टन सरकार ने मुख्तार अंसारी की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को मुख्तार अंसारी को यूपी भेजने का आदेश दिया था।
वहीं पंजाब सरकार की ओर से पेश होने वाले वकील की फीस 55 लाख रुपये होती है। हालांकि मौजूदा आम आदमी सरकार इसे देने से इन्कार कर चुकी है। इस वकील को कैप्टन सरकार के समय में नियुक्त किया गया था। वह एक पेशी के 11 लाख रुपये लेते थे। इसका भुगतान पंजाब सरकार को करना है। मोहाली के एक बिल्डर से रंगदारी मांगने के मामले में अंसारी जनवरी 2019 से लेकर अप्रैल 2021 तक रूपनगर जेल में बंद था। इसके बाद उसे यूपी की बांदा जेल ले जाया गया है।
इससे पहले भगवंत मान ने कहा था कि यूपी के एक अपराधी को रोपड़ जेल में सुविधाओं के साथ रखा गया था। उसे 48 बार वारंट जारी करने के बावजूद पेश नहीं किया गया। बचाव के लिए महंगे वकील को नियुक्त किया गया। वकील का खर्च 55 लाख रुपये आया है। खर्चे की इस फाइल को मैंने लौटा दिया है।
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