पंजाब

चंडीगढ़: हाईकोर्ट का अहम फैसला, समझौते के बाद अगर पत्नी मुकरती है तो पति दोषमुक्त होने का हकदार

Suhani Malik
12 Aug 2022 8:34 AM GMT
चंडीगढ़: हाईकोर्ट का अहम फैसला, समझौते के बाद अगर पत्नी मुकरती है तो पति दोषमुक्त होने का हकदार
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ब्रेकिंग न्यूज़: जब पति समझौते के अपने वादे को पूरा कर चुका है तो पत्नी का इससे पीछे हटना और पति के खिलाफ केस जारी रखना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा। हाईकोर्ट ने ऐसे में समझौते को वैध मानते हुए याची के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बेहद अहम फैसला सुनाते हुए स्पष्ट कर दिया कि पति-पत्नी के बीच समझौते के बाद यदि पत्नी उससे मुकरती है तो पति दोषमुक्त होने का हकदार है। उसके खिलाफ आपराधिक मामले को आगे बढ़ाना कानून का दुरुपयोग माना जाएगा। इस महत्वपूर्ण टिप्पणी के साथ ही हाईकोर्ट ने पति पर पत्नी द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है। यमुनानगर निवासी तथा वर्तमान में जर्मनी में कार्यरत सुनील कुमार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए समझौते के आधार पर 8 मार्च 2020 को दर्ज एफआईआर को रद्द करने की अपील की थी। याची ने बताया कि उसका विवाह अक्तूबर 2016 में हुआ था।

इसके बाद पारिवारिक विवाद बढ़ने लगा और मार्च 2020 में पत्नी ने पुलिस को उसके और उसके परिवार के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दे दी। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि याची का परिवार दहेज से खुश नहीं था और लगातार पांच लाख रुपये दहेज देने का दबाव बना रहा है। शिकायत के आधार पर यमुनानगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। जुलाई में इस विवाद के निपटारे के लिए सुनील भारत आया और नौ जुलाई 2021 को उसने पत्नी से समझौता कर लिया। इसके तहत पत्नी को छह लाख रुपये दिए और उससे सभी शिकायतें व एफआईआर को समाप्त करने का वादा लिया। इसी आधार पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए एफआईआर रद्द करने की मांग की। पत्नी ने हाईकोर्ट में माना कि उनके बीच समझौता हो गया है। इसके बाद हाईकोर्ट ने याची और उसकी पत्नी को 20 अप्रैल 2022 को मजिस्ट्रेट के सामने पेश होकर बयान दर्ज कराने का आदेश दिया।

परंतु पत्नी बयान दर्ज करवाने नहीं पहुंची। हाईकोर्ट में भी पत्नी की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। पत्नी के इस रवैये पर हाईकोर्ट ने कहा कि यहां उसका इरादा पति को परेशान करना है। इसलिए वह पति के खिलाफ आपराधिक मामला समाप्त नहीं करना चाहती है। जब पति समझौते के अपने वादे को पूरा कर चुका है तो पत्नी का इससे पीछे हटना और पति के खिलाफ केस जारी रखना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा। हाईकोर्ट ने ऐसे में समझौते को वैध मानते हुए याची के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है।

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