पंजाब

चंडीगढ़: भ्रष्टाचार-रिश्वतखोरी में निलंबित चार पुलिसकर्मी बहाल, डीजीपी का आदेश-संवेदनशील पदों पर न हो तैनाती

Tara Tandi
23 Sep 2023 8:04 AM GMT
चंडीगढ़: भ्रष्टाचार-रिश्वतखोरी में निलंबित चार पुलिसकर्मी बहाल, डीजीपी का आदेश-संवेदनशील पदों पर न हो तैनाती
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चंडीगढ़ में भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी के मामलों में लंबे समय से निलंबित चार पुलिसकर्मियों को पुलिस विभाग ने बहाल कर दिया है। इनमें सेक्टर-37 के चर्चित कोठी कांड के आरोपी सेक्टर-39 थाने के पूर्व प्रभारी इंस्पेक्टर राजदीप सिंह, पांच लाख की रिश्वत लेने के मामले में आरोपी मनीमाजरा थाने की पूर्व प्रभारी जसविंदर कौर, 10 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुईं सब-इंस्पेक्टर सर्बजीत कौर और एएसआई हरभजन लाल शामिल हैं।
डीजीपी प्रवीर रंजन ने इनकी बहाली के आदेश जारी करते हुए कहा है कि इन पुलिसकर्मियों को संवेदनशील पदों पर तैनात न किया जाए और ये सरकारी गवाहों को भी प्रभावित नहीं करेंगे। इन पुलिसकर्मियों के केस का मूल्यांकन करने वाली कमेटी की सिफारिश के आधार पर विभाग ने इन चारों पुलिसकर्मियों के तत्काल बहाली के आदेश जारी किए हैं। वहीं कहा है कि बहाली के आदेशों का इनके खिलाफ चल रही आपराधिक/विभागीय कार्रवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
करोड़ों की कोठी कब्जाने के मामले में आरोपी है इंस्पेक्टर राजदीप
सेक्टर-37 में करोड़ों की कोठी कब्जाने के मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने 28 फरवरी 2021 को इंस्पेक्टर राजदीप सिंह समेत कुल नौ आरोपियों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज किया था। राजदीप पर मामले में आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इस मामले में कोठी के वास्तविक मालिक राहुल मेहता को कैद में रखकर एक व्यक्ति को फर्जी राहुल मेहता बनाकर एस्टेट ऑफिस में पेश किया गया और फर्जीवाड़ा कर कोठी को बेच दिया गया था।
मामले में लगभग डेढ़ वर्ष तक आरोपी इंस्पेक्टर राजदीप सिंह बुड़ैल जेल में बंद रहा था। उसे पिछले वर्ष सितंबर में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से नियमित जमानत मिली थी। उसकी जमानत याचिका का चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी ने विरोध किया था। इससे पहले जिला अदालत ने राजदीप की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था। राजदीप पर आरोप था कि कोठी कब्जाने के मामले में शिकायत मिलने के बावजूद उसने कार्रवाई नहीं की थी।
पांच लाख की रिश्वत मांगने के मामले में फंसीं थीं जसविंदर कौर
जुलाई 2020 में सीबीआई ने महिला इंस्पेक्टर जसविंदर कौर के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। वह उस समय मनीमाजरा थाने की प्रभारी थीं। जसविंदर कौर समेत उसके नजदीकी भगवान सिंह पर मामला दर्ज हुआ था। मामले में मनीमाजरा निवासी गुरदीप सिंह शिकायतकर्ता थे।
26 जून 2020 को उन्होंने सीबीआई को दी शिकायत में कहा था कि जसविंदर कौर एक मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज न करने और मामले को बंद करने की एवज में पांच लाख रुपये रिश्वत की मांग रहीं हैं। शिकायतकर्ता के मुताबिक, जसविंदर कौर ने उनसे कहा था कि अगर उन्होंने रकम नहीं दी तो वह उन्हें झूठे मामले में फंसा देंगी। शिकायतकर्ता पर आरोप था कि उन्होंने एक व्यक्ति की पत्नी को नौकरी लगवाने के नाम पर 28 लाख रुपये लिए थे। उसी शिकायत में डराकर रिश्वत मांगी जा रही थी। मामले में सह आरोपी को एक लाख रुपये रिश्वत लेते सीबीआई ने दबोचा था। शिकायतकर्ता ने कहा था कि वह पहले ही दो लाख 17 जून को दे चुका है।
दस हजार की रिश्वतखोरी में हुई थी एसआई सर्बजीत की गिरफ्तारी
17 सितंबर 2021 को चंडीगढ़ पुलिस की महिला एसआई सर्बजीत कौर को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए सीबीआई ने पकड़ा था। तब वह सेक्टर-34 थाने में तैनात थीं। मामले में कजेहड़ी का व्यक्ति शिकायतकर्ता था। दुष्कर्म के एक मामले में राहत देने की एवज में एसआई पर एक लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। शिकायतकर्ता का कहना था कि वह पहले ही एसआई को 50 हजार रुपये दे चुका था और बाकी रकम किस्तों में देनी थी। हालांकि वह सीबीआई के पास पहुंच गया और ट्रैप लगा सीबीआई ने एसआई सर्बजीत कौर को दबोचा था। वह संबंधित दुष्कर्म मामले की जांच कर रहीं थीं। इस मामले में सीबीआई अदालत में मामला चल रहा है। लंबे समय से एसआई सर्बजीत कौर निलंबित थीं।
सीबीआई ने एएसआई हरभजन को रंगेहाथ दबोचा था
एएसआई हरभजन लाल को भी सीबीआई ने रिश्वत मामले में 16 फरवरी 2021 में गिरफ्तार किया था। हरभजन पर आरोप था कि उसने वायुसेना के कर्मी धर्मपाल से रिश्वत मांगी थी। लालड़ू निवासी शिकायतकर्ता का कहना था कि किसी झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर रिश्वत मांगी गई थी। शिकायतकर्ता का कहना था कि उसने अपने बेटे की शादी के लिए एक सेक्टर-32 की एक वित्तीय कंपनी से मई 2018 में 3.2 लाख रुपये का ऋण लिया था। अक्तूबर 2020 तक शिकायतकर्ता किस्तें भरता रहा, मगर कंपनी द्वारा उसे कोई रसीद न देने पर उसने आगे रकम देनी बंद कर दी थी। इसके बाद कंपनी ने पुलिस को शिकायत दे दी, जिसके बाद आरोपी एएसआई शिकायतकर्ता को डराकर उसके खिलाफ केस दर्ज न करने की एवज में दस हजार रुपये रिश्वत मांग रहा था। इसकी शिकायत सीबीआई को दी गई और सेक्टर 32 के निर्माण सिनेमा के पास से आरोपी एएसआई को रंगेहाथ पकड़ा गया था।
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