पंजाब

चंडीगढ़: गवर्नर की मंजूरी के बाद पंजाब में कानून बना एक विधायक-एक पेंशन

Suhani Malik
13 Aug 2022 10:27 AM GMT
चंडीगढ़: गवर्नर की मंजूरी के बाद पंजाब में कानून बना एक विधायक-एक पेंशन
x

ब्रेकिंग न्यूज़: पंजाब कैबिनेट में पारित एक विधायक एक पेंशन संशोधन प्रस्ताव को राज्यपाल के पास भेजा गया, जिसे मई के अंतिम सप्ताह में राज्यपाल ने यह कहते हुए लौटा दिया था कि अगला विधानसभा सत्र जल्द ही है, इसलिए यह सुनिश्चित सत्र में विधेयक के रूप में लाया जाना चाहिए पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने पंजाब सरकार के एक विधायक एक पेंशन संबंधी नोटिफिकेशन को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ यह कानून लागू हो गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट करके दी। उन्होंने कहा कि इससे लोगों के टैक्स का पैसा बचेगा। प्रत्येक विधायक को मिलेगी प्रति माह 60000 पेंशन जमा महंगाई भत्त पंजाब सरकार ने 11 अगस्त को एक विधायक, चाहे वह कितनी ही टर्म तक विधायक रहा हो, को एक पेंशन देने संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया था। पंजाब के राज्यपाल द्वारा इस अधिनियम को मंजूरी मिलने के बाद, पंजाब सरकार ने अब एक अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार, दी पंजाब स्टेट लेजिसलेचर मैंबर्स (पेंशन व मेडिकल फैसिलीटीज रेगुलेशन) एक्ट 1977 के सेक्शन 3 की उपधारा (1) के लिए बदली गई उपधारा अब इस प्रकार होगी-

- सदस्य के तौर पर रहे प्रत्येक व्यक्ति को 60000 रुपये प्रति माह पेंशन और उस पर मंहगाई भत्ता (जो पंजाब सरकार के पेंशनरों पर लागू होता है) का भुगतान किया जाएगा। भले ही उस व्यक्ति ने सदस्य के तौर पर कितनी ही टर्म निभाई हों और भले ही पंजाब विधानसभा के कितने ही कार्यकाल हो, जिसमें उस व्यक्ति ने एक सदस्य के रूप में सेवा निभाई हो - अगर कोई व्यक्ति, जोकि सदस्य के तौर पर सेवा निभाते हुए 65 साल, 75 साल और 80 साल का हो जाता है, तो ऐसी उम्र का होने पर वह आरंभिक पेंशन में क्रमश: 5 प्रतिशत, 10 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी का हकदार होगा। में रोक दी थी पेंशन की अदायग इससे पहले सरकार ने पूर्व विधायकों को मिल रही पेंशन की अदायगी गत मार्च माह से रोक दी थी। राज्य सरकार ने 30 जून को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इस बिल को पारित कर राज्यपाल की सहमति के लिए भेज दिया था लेकिन राज्यपाल की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी। नियमानुसार, राज्यपाल की सहमति के बाद ही इस विधेयक को अधिसूचित किया जाना था और विधिवत अधिनियम के रूप में लागू किया जाएगा।

संशोधन विधेयक राज्यपाल के पास लंबित होने के बावजूद प्रदेश सरकार ने राज्य के पूर्व विधायकों की मार्च 2022 से मासिक पेंशन का भुगतान रोक दिया था। कैबिनेट की बैठक में पूर्व विधायकों की पेंशन के बारे में बदलाव को लागू करने के उद्देश्य से 'पंजाब राज्य विधानमंडल सदस्य (पेंशन और चिकित्सा सुविधाएं विनियमन) अधिनियम, 1977' में उपयुक्त संशोधन को मंजूरी दी थी। हालांकि नियमानुसार एक अध्यादेश के रूप में इसे लागू करने के लिए राज्यपाल की मंजूरी आवश्यक थी। तब कैबिनेट में पारित संशोधन प्रस्ताव को राज्यपाल के पास भेजा गया, जिसे मई के अंतिम सप्ताह में राज्यपाल ने यह कहते हुए लौटा दिया कि अगला विधानसभा सत्र जल्द ही है, इसलिए यह सुनिश्चित सत्र में विधेयक के रूप में लाया जाना चाहिए। इसके बाद राज्य सरकार ने संशोधन विधेयक- 'पंजाब राज्य विधानमंडल सदस्य (पेंशन और चिकित्सा सुविधाएं नियमन) संशोधन विधेयक, 2022' को 30 जून को विधानसभा में पेश करके उसी दिन पारित कराया और इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया था।

Next Story