पंजाब
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा प्रबंधित 3 सरायों पर वस्तु एवं सेवा कर लागू करने से केंद्र सरकार ने किया इनकार
Ritisha Jaiswal
5 Aug 2022 11:14 AM GMT

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पंजाब में अमृतसर स्थित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा प्रबंधित तीन सरायों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से केंद्र सरकार ने इनकार कर दिया है.
पंजाब में अमृतसर स्थित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा प्रबंधित तीन सरायों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से केंद्र सरकार ने इनकार कर दिया है. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सराय के कमरे के किराए या धार्मिक और धर्मार्थ संस्थाओं द्वारा प्रबंधित संपत्तियों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू नहीं होगा.
एसजीपीसी ने लेना शुरू कर दिया था जीएसटी
18 जुलाई, 2022 को प्रति दिन 1,000 रुपये से कम के कमरे के किराए पर जीएसटी के प्रस्ताव लागू होने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा प्रबंधित सराय ने अपने दम पर 1,000 रुपये तक के किराए पर जीएसटी एकत्र करना शुरू कर दिया था. हालांकि केंद्र सरकार ने अब इस बारे में स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि "यह ध्यान में आया है कि अमृतसर में एसजीपीसी द्वारा प्रबंधित तीन सराय – गुरु गोबिंद सिंह एनआरआई निवास, बाबा दीप सिंह निवास, माता भाग कौर निवास ने 18 जुलाई, 2022 से जीएसटी लेना शुरू कर दिया है.
हालांकि एसजीपीसी द्वारा प्रबंधित इसलिए उनके द्वारा कमरों को किराए पर लेने के संबंध में उपरोक्त छूट का लाभ उठा सकते हैं, "केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा जारी एक स्पष्टीकरण में कहा गया है कि धार्मिक स्थलों के प्रबंधन के अधीन सराय भवनों पर जीएसटी में पहले की तरह छूट जारी है.
विपक्षी दलों ने भी उठाई थी जीएसटी वापस करने की मांग
गौरतलब है कि राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी और अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास स्थित सरायों पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले को वापस लेने के संबंध में एक पत्र सौंपा था. जीएसटी परिषद ने जून में फैसला किया था कि एक हजार रुपये प्रतिदिन से कम कीमत वाले होटल के सभी कमरों पर 12 फीसदी कर लगाया जाएगा. इस मामले को लेकर पंजाब पूरे पंजाब में सियासत गरमा गई थी और सीएम भगवंत मान सहित विपक्षी दलों ने सराय भवनों पर जीएसटी लगाने के निर्णय की निंदा की थी.
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