पंजाब
बुजुर्ग मां को घर से बेघर करने का मामला: नहीं माने कोर्ट के आर्डर, एक पुत्र को भेजा जेल, दूसरा फरार
Shantanu Roy
14 Sep 2022 3:42 PM GMT
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जलालाबाद। जिन बेटों को बुढ़ापे की लाठी समझकर मां-बाप ने विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए पालते हैं और उनकी हर इच्छा को पूरी करते हैं, कई बार तो वह खुद भूखा रह कर अपना निवाला भी बच्चों को परोस देते हैं वहीं बच्चे बुढ़ापे में इन्हें 2 रोटियों के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर कर देते हैं। कई बार तो उन्हें अपने ही बच्चों से इंसाफ लेने के लिए कोर्ट-कचहरियों के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ता हैं। ऐसा ही एक मामला गांव काठगढ़ का है जहां 2 भाइयों ने पिता की मौत के बाद अपनी मां को घर से निकाल दिया और दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर किया है। जानकारी के अनुसार दोनों भाई अदालत के आदेश के बाद फरार चल रहे हैं। जिक्रयोग्य है कि पार्षद सुरजीत राय बुजुर्ग मां को इंसाफ दिलाने के लिए फैमिली अदालत में केस दायर किया था। अढ़ाई वर्ष के बाद अदालत ने बुजुर्ग मां के हक में फैसला सुनाते हुए गुजारा भत्ता के तौर पर दोनों बेटों को 10 हजार रुपए प्रति महीना देने के आदेश दिए थे।
दोनों भाइयों ने कोर्ट का आदेश नहीं माना। वे न तो कोर्ट में हाजिर हुए और न ही अपनी मां को खर्चा दिया जिसके चलते आरोपी बेटों द्वारा दिया जाने वाला गुजारा भत्ता जमा होकर 3 लाख रुपए हो गया। कोर्ट ने सख्त कार्रवई करते हुए दोनों भाइयों के खिलाफ वारंट जारी कर दिया और उन्हें हर हालत में कोर्ट में पेश करने के निर्देश जारी किए। निर्देशों की पालन करते हुए पुलिस ने बुजुर्ग मां सुमित्रा बाई के एक बेटे गुरदयाल सिंह जो बिजली बोर्ड में दफ्तर में लाइनमैन है, को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि मां सुमित्रा बाई (80) पत्नी स्व. सोना सिंह के बेटों गुरदयाल सिंह और जरनैल सिंह ने अपनी माता का बोझ न उठा पाने के चलते उसे घर से बेघर कर दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद ये दोनों भाई फरार चल रहे थे।
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