पंजाब

वर्कशाप में खड़ी बसें हो रहीं खटारा, कम स्टाफ में केवल नई बसें चला रहा पंजाब रोडवेज

Kunti Dhruw
17 April 2022 10:43 AM GMT
वर्कशाप में खड़ी बसें हो रहीं खटारा, कम स्टाफ में केवल नई बसें चला रहा पंजाब रोडवेज
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प्रदेश भर में पंजाब रोडवेज की वर्कशाप में खड़ी पुरानी बसों के खटारा हो जाने का खतरा है।

जालंधर। प्रदेश भर में पंजाब रोडवेज की वर्कशाप में खड़ी पुरानी बसों के खटारा हो जाने का खतरा है। कर्मचारियों (ड्राइवर एवं कंडक्टर) की कमी के चलते पुरानी बसों को रूट पर भेजना संभव नहीं हो पा रहा है। लगातार खड़ी रहने के कारण पुरानी बसों का रखरखाव कर पाना भी प्रबंधन के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। खतरनाक यह भी है कि वर्कशाप में खड़ी बसों का सामान निकालकर रूट पर भेजी जाने वाली बसों में फिट किया जाने लगा है।पंजाब रोडवेज में विधानसभा चुनाव से पहले ही कर्मचारियों की किल्लत महसूस की जाने लगी थी। यही वजह थी कि रोडवेज प्रबंधन ने आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी रखने की प्रक्रिया चालू कर दी थी। इसी बीच आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई और यह प्रक्रिया भी अटक गई।


ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पर्याप्त बसें उपलब्ध नहीं
प्रदेश में नई बनी आम आदमी पार्टी की सरकार अपने गठन के एक महीने बाद भी पंजाब रोडवेज को पर्याप्त संख्या में कर्मचारी उपलब्ध नहीं करवा पाई है। कर्मचारियों के अभाव में पंजाब रोडवेज नई बसें और परमिट होने के बावजूद भी सौ फीसद क्षमता के मुताबिक बसों का संचालन कर पाने में विफल है। स्टाफ की कमी का खामियाजा प्रमुख तौर पर ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। जालंधर से कमाई वाले रूटों जैसे बटाला, अमृतसर, चंडीगढ़, पठानकोट, दिल्ली, जम्मू आदि के लिए नियमित तौर पर बस सेवा उपलब्ध है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के लिए पर्याप्त संख्या में बसें नहीं हैं।पुरानी बसों के लगातार खड़े होने से उनकी हालत भी जर्जर हो रही है और डिपो प्रबंधकों को उन्हें मेंटेन करना भारी चुनौती बनकर रह गया है।
पंजाब रोडवेज के बेड़े में लगभग 582 नई बसें भी शामिल की गई हैं। उसके बाद स्टाफ की किल्लत ने विकराल रूप धारण कर लिया है। जालंधर डिपो की लगभग 25-30 फीसद बसें रूट पर रवाना ही नहीं हो पा रही हैं। पंजाब रोडवेज जालंधर एक डिपो में 25 नई बसें शामिल की जा चुकी हैं। नियम के मुताबिक परिवहन विभाग से जिस बस का परमिट रिन्यू किया जाता है उसका एसआरटी देना अनिवार्य होता है अन्यथा परमिट बस समेत जब्त किया जा सकता है अथवा कैंसिल भी किया जा सकता है। इसी वजह से रोडवेज को मजबूरी में कमाई न करने वाली बसों के भी एसआरटी की अदायगी करनी पड़ रही है।
पंजाब रोडवेज जालंधर के जनरल मैनेजर जगराज सिंह पहले भी कह चुके हैं कि कर्मचारी उपलब्ध करवाने के लिए प्रत्येक स्तर पर सूचित किया जा चुका है और अब सौ फीसद कर्मचारी उपलब्ध होने का ही इंतजार है।


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