पंजाब
बंपर मतदान ने दिग्गजों की सीटों पर बढ़ाई बेचैनी, सिर्फ सिद्धू की सीट पर कम वोटिंग
Renuka Sahu
22 Feb 2022 1:16 AM GMT
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फाइल फोटो
भले ही पंजाब में 2017 के मुकाबले कम मतदान हुआ है लेकिन राज्य की कुछ सीटें ऐसी हैं जिन पर मतदाताओं ने बंपर वोटिंग की है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।भले ही पंजाब में 2017 के मुकाबले कम मतदान हुआ है लेकिन राज्य की कुछ सीटें ऐसी हैं जिन पर मतदाताओं ने बंपर वोटिंग की है।इनमें पंजाब की सियासत के दिग्गज प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह चन्नी और भगवंत मान की सीटें शामिल हैं। इनकी सीटों पर 70 प्रतिशत से अधिक वोट पड़े हैं। इस बंपर मतदान को लेकर सियासी दिग्गजों में बेचैनी बढ़ गई है। हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया के कारण चुनाव की सबसे हॉट सीट रही अमृतसर पूर्वी सीट पर लोग कम बाहर निकले और यहां मात्र 65.05 प्रतिशत ही वोट पड़े।
चमकौर साहिब वह सीट है जहां से चरणजीत सिंह चन्नी चुनाव मैदान में हैं। चमकौर साहिब में 74.57 फीसदी वोट पड़े हैं। इसके अलावा भदौड़ भी एक हॉट सीट है। यहां से भी चरणजीत सिंह चन्नी चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर चमकौर साहिब से भी ज्यादा मतदान 78.90 प्रतिशत हुआ है।
जलालाबाद सीट से शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल मैदान में हैं। जलालाबाद में 80.00 फीसदी वोट पड़े हैं। यह अपने आप में बंपर वोटिंग है। जलालाबाद में सबसे ज्यादा ग्रामीण मतदाता हैं। मतदान में ग्रामीणों ने शहरी लोगों से ज्यादा मतदान किया है।
धूरी से आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान मैदान में हैं। यहां 77.34 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है। मान संगरूर से सांसद हैं। धूरी विधानसभा क्षेत्र संगरूर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। लंबी विधानसभा क्षेत्र से 94 साल की उम्र में प्रकाश सिंह बादल चुनावी जंग लड़ रहे हैं। लंबी विधानसभा क्षेत्र में 81.35 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। सियासी दिग्गजों की सीटों में यह सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत है।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला शहर से चुनाव लड़ रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने परिवार के साथ पटियाला शहर निर्वाचन क्षेत्र से मतदान किया। पटियाला शहर के 63.58 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है।
अमृतसर पूर्व में 65.05 प्रतिशत मतदान
पंजाब चुनाव में अमृतसर पूर्व सबसे हॉट सीट में शुमार है। इसकी वजह यहां से कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू और शिअद के बिक्रम सिंह मजीठिया का चुनाव लड़ना है। दोनों सियासत में एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं। जानकारों के अनुसार मतदान के दौरान बवाल की आशंका ने यहां का मत प्रतिशत गिरा दिया। यही कारण है कि अन्य क्षेत्रों की तरह यहां बंपर वोटिंग नहीं हो पाई और 65.05 प्रतिशत लोगों ने ही अपने मत का इस्तेमाल किया।
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