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पंजाब के फिरोजपुर भारत-पाक सीमा पर खेती कर लौट रहे ग्रामीणों की नाव सतलुज नदी में पलट गई। नाव में लगभग 50 महिला और पुरुष सवार थे। नदी के किनारे नाव के आने का इंतजार करने वाले लोगों ने बड़ी मुश्किल से सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
पंजाब के फिरोजपुर भारत-पाक सीमा पर खेती कर लौट रहे ग्रामीणों की नाव सतलुज नदी में पलट गई। नाव में लगभग 50 महिला और पुरुष सवार थे। नदी के किनारे नाव के आने का इंतजार करने वाले लोगों ने बड़ी मुश्किल से सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
गांव दोना मत्तड़ के सरपंच गुरमेज, किसान भगवान सिंह, परमजीत सिंह व बलविंदर सिंह ने बताया कि नदी के दूसरी तरफ बाड़ पार उनके खेत हैं। रोजाना की तरह नाव पर सवार होकर खेती करने जाते हैं। आज शाम को खेती कर बड़ी नाव पर लगभग 50 लोग ( महिला व पुरुष) अपने गांव लौट रहे थे। जैसी ही नाव नदी के बीच पहुंची तो हवा का झोंका आने से पानी भर गया।
नाव अनियंत्रित हो गई और नदी में डूब गई। ग्रामीणों ने चीख-पुकार शुरू कर दी। किनारे खड़े लोगों ने नदी में छलांग लगाकर लोगों को बचाना शुरू किया। नदी में बहाव बहुत तेज था लेकिन यहां के लोग अच्छे तैराक थे। यही वजह है कि सभी की जान बच गई। लोगों का सामान पानी में बह गया।
सरपंच ने बताया कि नाव नदी के बीच जब पहुंची तो डगमगाने लगी थी, क्योंकि नाव की हालत खराब थी। ग्रामीणों का कहना है कि 19 अप्रैल को इसी जगह पर ट्रैक्टर-ट्राली डूब गई थी। नदी के पार बीएसएफ की न्यू गजनी वाली चेक पोस्ट भी है। ग्रामीणों ने कई बार सरकार से नदी पर पुल बनाने की मांग की। ये सभी लोग गांव गजनी वाला, दोना मत्तड़, बस्ती वलू सिंह के रहने वाले थे
Tagsपंजाब

Ritisha Jaiswal
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