पंजाब

शहीदे आजम भगत सिंह के गांव में शपथ लेंगे भगवंत मान, सीएम चन्‍नी आज देंगे इस्‍तीफा

Kunti Dhruw
11 March 2022 1:03 AM GMT
शहीदे आजम भगत सिंह के गांव में शपथ लेंगे भगवंत मान, सीएम चन्‍नी आज देंगे इस्‍तीफा
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पंजाब विधानसभा के चुनाव के परिणाम स्थापित पार्टियों के लिए सुनामी साबित हुए हैं।

चंडीगढ़, पंजाब विधानसभा के चुनाव के परिणाम स्थापित पार्टियों के लिए सुनामी साबित हुए हैं। मात्र आठ साल पुरानी आम आदमी पार्टी के पक्ष में आई सुनामी में ऐसे ऐसे दिग्गजों को धराशायी कर दिया है जिनके बारे में कहा जा रहा था कि वे अजेय हैं। नतीजों ने साफ कर दिया है कि भगवंत मान पंजाब के नए मुख्यमंत्री होंगे। वह शहीद-ए-आजम भगत सिंह की धरती खटकड़ कलां में शपथ लेंगे। पंजाब के लोगों ने नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब मॉडल की बजाए अरविंद केजरीवाल को एक मौका पर ज्यादा भरोसा किया।

भगवंत मान होंगे पंजाब के नए मुख्यमंत्री, शहीद भगत सिंह की धरती खटकड़ कलां में लेंगे शपथ
आम आदमी पार्टी ने राज्य की 117 में से 92 सीटें जीतकर प्रचंड जीत हासिल की है। हालांकि पार्टी शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी गठजोड़ काे 1997 में हासिल हुई 93 सीटों से एक कम रह गई लेकिन इसे एक सिंगल पार्टी की सबसे बड़ी जीत कहा जाएगा। इससे पहले कांग्रेस ने 2017 के चुनाव में 77 सीटें जीतकर इसी तरह की जीत हासिल की थी।
अमन अरोड़ा ने सबसे बड़ी जीत हासिल की, 75277 वोटोंं से जीते
आम आदमी पार्टी की पंजाब में चली सुनामी का आलम उनके जीते 92 उम्मीदवारों के मार्जिन से लगाया जा सकता है। ज्यादातर उम्मीदवार 20 हजार से ज्यादा मार्जिन से जीते हैं लेकिन सबसे बड़ा मार्जिन अमन अरोड़ा का सुनाम से सामने आया है। वह 75277 हजार के अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के जसविंदर सिंह धीमान से जीते हैं।
आज के परिणामों ने सभी दिग्गजों को धूल चाटने पर मजबूर कर दिया है। अजेय बने हुए ये दिग्गज प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया, कैप्टन अमरिंदर सिंह, बीबी राजिंदर कौर भट्टल , लगातार छह बार से जीत रहे परमिंदर सिंह ढींडसा , स्पीकर राणा केपी सिंह , काग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू, मनप्रीत बादल आदि सभी अपनी अपनी सीटें भारी मतांतर से हार गए हैं।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपनी दोनों सीटों चमकौर साहिब और भदौड़ सीटें हार गए हैं। चन्नी कैबिनेट के मात्र छह मंत्री सुखजिंदर रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, अरुणा चौधरी, परगट सिंह, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और राणा गुरजीत सिंह ही अपनी सीटें बचा सके। मुख्यमंत्री समेत 11 मंत्री सीटें नहीं बचा सके।2014 के लोक सभा चुनाव में 13 में से चार सीटों पर जीत कर पंजाब में अपना सफर शुरू करने वाली आप 2017 के विधानसभा चुनाव में 20 सीटें जीतकर प्रमुख विपक्षी पार्टी बनी और आज 2022 में पंजाब की करीब 92 सीटों पर जीत दर्ज करके रिकार्ड बनाने में कामयाब हो गई है। आप अपनी सुनामी में गांव से लेकर शहर तक की सीटों को बहाकर ले गई। गांव से लेकर शहर तक के मतदाताओं ने केजरीवाल के दिल्ली माडल पर भरोसा किया।
'एक मौका केजरीवाल को, एक मौका भगवंत मान को' को नारा देने वाली आप ने न सिर्फ दिल्ली के सुशासन और सरकारी शिक्षा में सुधार का मुद्दा उठा कर अपनी उपलब्धियों को सामने रखा। वहीं, पंजाब में ट्रांसपोर्ट व रेत माफिया का मुद्दा, बेरोजगारी, लाल फीताशाही का मुद्दा उठा कर सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ शिरोमणि अकाली दल पर जमकर प्रहार किया। केजरीवाल ने पंजाब में भगवंत मान के रूप में मुख्यमंत्री का चेहरा दिया।
साफ और बेदाग होने के कारण कांग्रेस व शिरोमणि अकाली दल के पास मान पर सीधा हमला करने के लिए कोई हथियार नहीं थी। हालांकि दोनों ही पार्टियों ने मान के शराब की आदत को लेकर जरूर उन पर हमले किए लेकिन उसके एवज में आप के पास कांग्रेस के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के रिश्तेदार के यहां पड़े ईडी के छापे और पकड़े गए 10 करोड़ रुपये का मुद्दा था तो अकाली दल के मुख्यमंत्री पद के चेहरा सुखबीर बादल के लिए ट्रांसपोर्ट व बेअदबी कांड का हथियार था।
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