अमृतसर। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा पूर्व में 'गुरु दी गोलक' और शिरोमणि कमेटी के सदस्यों के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयानों के संबंध में शिरोमणि कमेटी के सदस्यों ने गुरुवार को पूरे पंजाब के जिला उपायुक्तों को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौंप कर उनसे सार्वजनिक रूप से माफी की मांग की।
शिरोमणि समिति के सदस्यों ने अपने पत्र में श्री मान से कहा कि या तो तत्काल सार्वजनिक माफी जारी करें या फिर वह मानहानि के मुकदमे के लिए तैयार रहें।
अमृतसर के उपायुक्त हरप्रीत सिंह सूदन आईएएस को पत्र सौंपते समय शिरोमणि कमेटी के वरिष्ठ सदस्य जत्थेदार बावा सिंह गुमानपुरा, सदस्य भाई राजिंदर सिंह मेहता, एडवोकेट भगवंत सिंह सियालका, बलजीत सिंह जलालुसमा, शिरोमणि कमेटी के सचिव अमरजीत सिंह बंडाला और भाई अजाज सिंह प्रकाशची, प्रताप सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
यहां धरना दे रहे शिरोमणि कमेटी के सदस्यों ने कहा कि भगवंत सिंह मान ने गुरुओं के समय से चले आ रहे दशबंद और सेवा के सिद्धांत का भी मजाक उड़ाया है, साथ ही उनकी मर्यादा को ठेस भी पहुंचाई है। इससे पूरे सिख जगत में आक्रोश है। उन्होने कहा कि भगवंत सिंह मान को अपनी बात वापस लेनी चाहिए और तुरंत माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा उनके खिलाफ एसजीपीसी सदस्यों द्वारा मानहानि का मुकदमा दायर किया जाएगा।
शिरोमणि कमेटी के सदस्यों ने कहा कि गुरु के गोलक, लंगर, संगत, दशबंद आदि का सिद्धांत और आचरण गुरुओं के समय से चला आ रहा है, जो आज भी उसी संदर्भ में जारी है। उन्होंने कहा कि गुरु दरबार में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अपनी श्रद्धा के अनुसार प्रसाद देने से खुशी मिलती है और साथ ही गुरुद्वारा साहिबों की व्यवस्था और संगत के लिए आवश्यक कार्य किया जाता है।