केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के ग्रामीण विकास कोष पर रोक और बाजार शुल्क में कटौती को लेकर भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य की आप सरकार और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं। केंद्र के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के ''नए भाजपा नेताओं'' को आड़े हाथ लिया.
गुरुवार को ट्वीट कर भगवंत मान ने कहा, ''भाजपा का पंजाब विरोधी और किसान विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है.. हमारी कोशिशों के बावजूद मार्केट फीस को 3 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी और आरडीएफ को 3 फीसदी से घटाकर 0 फीसदी कर दिया गया है. इस रबी सीजन में प्रतिशत। …पंजाब को मार्केट फीस से 250 करोड़ और आरडीएफ को 750 करोड़, कुल 1000 करोड़ का नुकसान होगा। कैप्टन, जाखड़, मनपीत बादल, बैंस बंधु, राणा सोढ़ी, कांगड़, फतेहजंग बाजवा, इंदर अटवाल जो बीजेपी के नए सदस्य बने हैं, क्या उनमें इतनी हिम्मत है कि मोदी जी के सामने इस मामले को उठा सकें ???
पंजाब की आप सरकार के नेता लगातार केंद्र से लंबित ग्रामीण विकास कोष जारी करने की मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस पैसे का उपयोग राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए किया जाता है। लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पंजाब को उसका पैसा देने से इनकार करती रही और ऊपर से इस रबी सीजन में उन्होंने बाजार शुल्क कम कर दिया और पंजाब को 250 करोड़ रुपये और लूट लिए।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान अपनी हार के कारण मोदी सरकार पंजाब और उसके किसानों के खिलाफ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि आज केंद्र ने राज्य के 1000 करोड़ रुपये देने से खुलेआम इंकार कर पंजाब और किसानों के प्रति अपनी कड़वाहट फिर से दिखाई है।
मान ने मोदी सरकार को याद दिलाया कि यह पंजाब और पंजाब के किसान हैं, जिन्होंने हमारे देश को पर्याप्त भोजन दिया। लेकिन बदले में केंद्र ने पंजाब और हमारे किसानों के लिए क्या किया है? उन्होंने पंजाब भाजपा के नेताओं को इस मामले को नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाने की चुनौती भी दी और कहा कि उन्हें मोदी सरकार के इस तानाशाही रवैये का विरोध कर पंजाब के हक के लिए आवाज उठानी चाहिए।