पंजाब

ASI सतीश कुमार आत्महत्या मामला : आरोपी SHO बराड़ पर कार्रवाई को लेकर पंजाब पुलिस सवालों के घेरे में

Shantanu Roy
10 Sep 2022 1:04 PM GMT
ASI सतीश कुमार आत्महत्या मामला : आरोपी SHO बराड़ पर कार्रवाई को लेकर पंजाब पुलिस सवालों के घेरे में
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बड़ी खबर
पंजाब। होशियारपुर में ए.एस.आई. सतीश कुमार की आत्महत्या मामले में एस.आई.टी. (SIT) का गठन कर दिया गया है लेकिन फिर भी पुलिस प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जब भी कोई व्यक्ति किसी से परेशान होकर आत्महत्या करता है तो परेशान करने वाले व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया जाता है। उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आ रहा। एस.एच.ओ. ओंकार सिंह बराड़ को केवल लाईन हाजिर होने के आदेश जारी किए गए हैं जिस दौरान सिट उनसे सवाल-जवाब करेगी।
ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर ओंकार सिंह पर केस दर्ज क्यों नहीं किया गया जबकि ए.एस.आई. सतीश कुमार के सुसाइड पत्र में उनका नाम साफ-साफ लिखा गया है। इतना ही नहीं मरने से पहले अपनी बनाई वीडियो में भी सतीश ने साफ-साफ कहा था कि ओंकार सिंह बराड़ का रवैया छोटे कर्मचारियों के साथ अच्छा नहीं था। वह हर किसी के साथ बुरा व्यवहार करता था और उन्हें जलील करता था। सतीश ने सुसाइड नोट में यह भी लिखा था कि इससे पहले भी एक पुलिस अधिकारी को एस.एच.ओ. ओंकार सिंह ने जलील किया था। उस व्यक्ति ने भी खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी पर उस समय भी इंसाफ नहीं किया गया। अब सवाल यह खड़ा होता है कि दो पुलिस अधिकारियों ने जिस एस.एच.ओ. के कारण अपनी जान ले ली क्या पुलिस प्रशासन उसे ही बचाने में लगी हुई है। अगर ऐसा नहीं है तो फिर एस.एच.ओ. ओंकार सिंह बराड़ पर केस दर्ज करने और उन पर कार्रवाई करने की बजाय पंजाब पुलिस ने उन्हें लाईन हाजिर क्यों किया।
पंजाब पुलिस के इस व्यवहार से अब वो सवालों के घेरे में आ गई है। एक ए.एस.आई. ने थाने में ही खुद को गोली मार आत्महत्या कर ली तो सोचिए कि उसे किस हद तक ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया होगा। इसके बावजूद उसके आरोपी पर सख्त कार्रवाई करने से आखिर पंजाब पुलिस गुरेज क्यों कर रही है। उसे तो इस समय आरोपी एस.एच.ओ. पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि सबको पता चले कि कानून से ऊपर कोई नहीं। लेकिन पंजाब पुलिस की इस ढीली कार्रवाई पर तो साफ जाहिर है कि कई बड़े अफसर अपने चहेते एस.एच.ओ. को बचाने में लगे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आए दिन बड़े अफसर छोटे अधिकारियों पर रोब चलाते रहेंगे और ऐसे आत्महत्या करने के मामले में शायद बढ़ते ही जाएं।
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