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लुधियाना | भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए साइबर ठग हर बार नए-नए पैंतरे आजमाते रहते हैं। अब फिर साइबर ठगों ने नया पैंतरा आजमाना शुरू कर दिया है। कभी पुलिस वाले बनकर तो कभी क्रिमिनल बनकर। करीब एक महीने पहले बस्ती जोधेवाल की एक महिला को पुलिस वाला बनकर ठगने लगे थे, मगर महिला ठगी से बच गई थी।
ऐसे ही अब साइबर ठगों ने हैबोवाल के एक व्यक्ति को ठगने का प्रयास किया। अपहरणकर्त्ता बनकर व्यक्ति को व्हाट्सएप पर कॉल कर कहा कि उसका बेटा हमने किडनैप कर लिया है। वह जल्द 70 हजार रुपए उनके बताए गए बैंक अकाऊंट में भेज दे। यहां तक के आरोपियों ने जिससे व्यक्ति की बात करवाई, उसकी आवाज उसके बेटे जैसी ही थी। इस पर व्यक्ति घबरा गया और तुरंत पैसे लेकर आरोपियों के बताए हुए बैंक अकाऊंट में जमा करवाने के लिए पहुंच गया मगर गनीमत यह रही कि किसी तकनीकी खराबी के कारण बैंक में पैसे जमा नहीं हो पाए थे। इसके बाद वह वैस्टर्न यूनियन पर ट्रांसफर करवाने के लिए पहुंच गया। दुकानदार व्यक्ति का दोस्त था। उसने कारण पूछकर समझदारी दिखाते हुए तुरंत व्यक्ति के बेटे को कॉल कर ली। फिर उन्हें पता चला कि बेटा तो दुकान पर सही-सलामत बैठा हुआ है। तब जाकर व्यक्ति को एहसास हुआ कि यह एक फर्जी कॉल थी और वह ठगे जाने से बच गया।
बंटी ने बताया कि वह अपने पिता के साथ संबंधित चौकी में शिकायत देने के लिए गया था मगर वहां मौजूद मुंशी ने उसे कहा कि इसकी शिकायत करने की जरूरत नहीं है। ऐसे कॉल्स तो आती ही रहती है। पुलिस वालों ने कहा कि वह थाने में नहीं बल्कि ऐसी शिकायत साइबर सैल में जाकर करे।
बंटी का कहना है कि उसके पिता इस बात से हैरान हैं कि जब आरोपियों से उसके बेटे से बात करवाने के लिए कहा था तो उन्होंने उसका बेटा कह कर किसी से बात करवाई थी, जोकि बात करने पर उसे यह नहीं लगा कि उसका बेटा नहीं है। सामने बोलने वाली की आवाज बिल्कुल उसके बेटे की आवाज जैसी ही थी, इसलिए वह आरोपियों की बात पर जल्द विश्वास कर गया और डर गया था।
करीब एक महीने पहले बस्ती जोधेवाल की रहने वाली महिला के साथ ठगी की कोशिश हुई थी। उसे फोन आया था कि मैं थाने से पुलिस मुलाजिम से बोल रहा हूं। उसका पति अवैध हथियार के केस में पकड़ा गया है। उसे छुड़ाना है तो पे टीएम पर पैसे भेज दें। मगर महिला ने पति को कॉल कर लिया, इसलिए उससे ठगी होने से बच गई। उसका पति अपनी फैक्टरी में काम कर रहा था।
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