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Amritsar,अमृतसर: पेरिस ओलंपिक में निशानेबाजी में दो कांस्य पदक जीतने वाली मनु भाकर ने आज स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका। शाम को उन्होंने अपने परिवार के साथ वाघा सीमा पर रिट्रीट समारोह भी देखा। भाकर ने परिक्रमा की और सेवा भी की। मनु ने कहा कि वह पहली बार पंजाब आई हैं और उन्होंने स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका। उन्होंने कहा, "यह स्वर्ण मंदिर की मेरी पहली यात्रा थी और यह बहुत अच्छा लगा।" गुरुद्वारा कमेटी ने उन्हें स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया। बाद में वह अटारी-वाघा सीमा पर बीटिंग रिट्रीट समारोह देखने भी गईं। बाद में अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने कहा, "मैं पहली बार पंजाब आई हूं। मैंने वाघा सीमा के बारे में बहुत कुछ सुना था और मैं इसे खुद देखना चाहती थी।
दो देशों को करीब से देखना एक अद्भुत अनुभव था, एक मेरा अपना और दूसरा जो कभी हमारा हिस्सा था।" मनु भाकर ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों से भी बातचीत की और उन्हें सीमा का दौरा कराया गया। अपने अनुभव को याद करते हुए मनु भाकर ने युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक संदेश दिया। उन्होंने कहा, "मैं युवाओं से कहना चाहूंगी कि अगर आप कोई लक्ष्य तय करते हैं, तो उसे हासिल करने के लिए अपना सबकुछ झोंक दें। भगवान आपके साथ होंगे और आप जो चाहते हैं, उसे हासिल करेंगे।" मनु भाकर ने इतिहास रच दिया जब वह एक ही ओलंपिक में एक ही खेल स्पर्धा में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं।
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Payal
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