पंजाब
स्मार्ट सिटी जालंधर के सारे प्रोजेक्ट ठप्प, खफा हुई केंद्र और राज्य सरकार ने बुलाई आपात बैठक
Shantanu Roy
20 Sep 2022 1:42 PM GMT

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जालंधर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जालंधर को सुंदर बनाने के नाम पर करोड़ों रुपए की जो ग्रांट आई, उसमें न केवल भारी गड़बड़ी कर दी गई बल्कि अत्यंत घटिया स्तर के काम भी करवाए गए। अब हालात यह बन चुके हैं कि जालंधर में स्मार्ट सिटी के तमाम प्रोजेक्ट ठप्प पड़े हैं। ऐसे में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अधिकारी अत्यंत खफा हैं और उन्होंने जालंधर तथा अन्य स्मार्ट सिटी के कामों को रिव्यू करने के लिए एक आपात बैठक मंगलवार 20 सितंबर को काल की है जो वर्चुअल तरीके से होगी। इस बैठक में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के अलावा लोकल बॉडीज से प्रिंसिपल सैक्रेटरी विवेक प्रताप सिंह तथा जालंधर स्मार्ट सिटी के सीईओ देवेंद्र सिंह तथा अन्य अधिकारी भाग लेंगे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन को समेटने की घोषणा कर दी है और ऐसे में पंजाब को 30 जून तक का अल्टीमेटम दिया है कि स्मार्ट सिटी से संबंधित सभी काम पूरे कर लिए जाएं वरना उन पर खर्च राज्य सरकार या निगमों को करना होगा। केंद्र सरकार के अल्टीमेटम को देखते हुए लोकल बॉडीज विभाग और पी.एम.आई.डी.सी. के अधिकारियों ने जालंधर स्मार्ट सिटी के सी.ई.ओ. देवेंद्र सिंह पर अच्छा खासा दबाव बनाया कि स्मार्ट सिटी के रुके हुए काम चालू करवाए जाए परंतु सी.ई.ओ. इसमें सफल नहीं हुए और आज भी तमाम प्रोजेक्ट ना केवल बंद पड़े हैं बल्कि लोगों की समस्या का कारण तक बन रहे हैं।
इन प्रोजेक्टों के ठप्प हो जाने से आ रही समस्या
- सरफेस वाटर प्रोजेक्ट लटक लटक कर चल रहा है। नई सड़कें खोदने की तैयारी तो चल रही है परंतु पुरानी खोदी गई सड़कों को बनाया नहीं जा रहा। लोग इस प्रोजैक्ट से अच्छे खासे परेशान हैं ।
- 50 करोड़ का स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट भारी सिरदर्दी बना हुआ है। एक दो सड़कें बनाकर बाकियों को खोदकर रख दिया गया है लोग टूटी सड़कों पर मिट्टी फांक रहे हैं और निगम तथा सरकार को लगातार कोस रहे हैं।
- 50 करोड़ रुपए का एल.ई.डी स्ट्रीट लाइट प्रोजैक्ट भी घोटाले का शिकार होकर रह गया है। कंपनी हजारों शिकायतों का हल नहीं कर पा रही। आधा शहर अंधेरे की चपेट में है। लोग साफ कह रहे हैं कि इससे अच्छी तो पुरानी स्ट्रीट लाइटें ही थी जो रोशनी तो दे रही थी।
- बर्ल्टन पार्क स्पोर्ट्स हब प्रोजेक्ट ठप होकर रह गया है। केवल कुछ मीटर चारदीवारी ही बनाई गई है और प्रोजेक्ट की ड्राइंग तक को फाइनल नहीं किया जा रहा। अभी वहां प्रोजेक्ट के नाम पर एक ईंट तक नहीं लगाई गई। खेल प्रेमियों में अच्छी खासी निराशा है।
- मिट्ठापुर हॉकी स्टेडियम को सुंदर बनाने का प्रोजेक्ट बीच में ही छोड़ दिया गया है। हॉकी खिलाडी अत्यंत गुस्से में है और अधूरे काम से उन्हें परेशानी भी हो रही है।
- 120 फुट रोड स्टार्म वाटर सीवर प्रोजेक्ट चाहे पूरा हो गया है परंतु निगम ने उसे टेकओवर नहीं किया है। सही तरीके से साफ सफाई ना होने के चलते यह प्रोजेक्ट भी लोगों को सुविधा प्रदान नहीं कर पा रहा।
- यू.आई.डी. नंबर प्लेट लगाने का प्रोजेक्ट छोटा सा है परंतु कंपनी उस पर भी काम नहीं कर रही। कोई अधिकारी इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी ही नहीं ले रहा।
- कंट्रोल एंड कमांड सैंटर का काम भी उद्घाटन के बाद रुका हुआ है। एक दो दर्जन कैमरे लगाकर ही खानापूर्ति की गई है और केंद्र सरकार को बड़ा धोखा दिया गया है।
- वरियाणा में लगने जा रहा बायो माइनिंग प्लांट का काम भी धीमी गति से चल रहा है। अभी वहां काफी काम बाकी है और प्रोजेक्ट लेट होने से शहर में कूड़े की समस्या बढ़ती चली जा रही है।
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