न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
स्कूलों में दिवाली से पहले शिक्षकों की कमी दूर करने का लक्ष्य रखा है। विद्यार्थी संख्या के हिसाब से प्रदेश में 15 हजार शिक्षकों की कमी है। तबादला प्रक्रिया सिरे चढ़ने के बाद भर्तियों की रफ्तार तेज की जाएगी, खाली पदों को एचएसएससी और कौशल रोजगार निगम के जरिये भरा जाएगा।
हरियाणा में पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की मूल्यांकन परीक्षा नहीं होगी। उनका एफएलएन यानि फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमरेसी कार्यक्रम चल रहा है। इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने अर्धवार्षिक परीक्षाएं न कराने का फैसला लिया है। छठी से बारहवीं की अर्धवार्षिक परीक्षाएं 29 सितंबर से 13 अक्तूबर तक होंगी।
29 सितंबर को छठी का हिंदी, सातवीं का अंग्रेजी, आठवीं का गणित, 11वीं का अंग्रेजी कोर या इलेक्टिव, 12वीं का गणित, बायोलॉजी, राजनीति विज्ञान और लोक प्रशासन का पेपर होगा। 30 सितंबर को छठी का अंग्रेजी, सातवीं का विज्ञान, आठवीं का हिंदी, नौवीं का संस्कृत, उर्दू, पंजाबी, दसवीं का अंग्रेजी, 11वीं का अर्थशास्त्र, गृह विज्ञान और 12वीं का अर्थशास्त्र और गृह विज्ञान का पेपर लिया जाएगा। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल, अन्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रहे बच्चों के पेपर अगली परीक्षाओं से पहले या उनके लौटने पर लिए जाएंगे।
18 हजार से अधिक शिक्षकों ने भरा मनपसंद स्कूलों का विकल्प
हरियाणा के 18 हजार से अधिक शिक्षकों ने तबादलों के लिए पसंद के स्कूलों का विकल्प भर दिया है। इच्छुक शिक्षक अब भी विकल्प भर सकते हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने 16 अगस्त रात को खत्म हो रही विकल्प भरने की अवधि 19 अगस्त रात 12 बजे तक बढ़ा दी है। विभाग ने शिक्षकों को आश्वस्त किया है कि शिक्षक तबादला प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी की जा रही है।
कोई भी समस्या होने पर हेल्प डेस्क नंबर 01725049801 से सहायता ले सकते हैं। इसके अलावा विभाग ने तबादले में शामिल प्रत्येक शिक्षक को सुगम पोर्टल की भी सुविधा दी है। तबादले के बाद भी शिक्षक 15 दिन तक अपनी शिकायत पोर्टल पर दे सकते हैं, उनका समाधान विभाग की ओर से तय समय में किया जाएगा।
तबादला प्रक्रिया एमआईएस पोर्टल पर पूरी गति से चल रही है। निदेशक सेकेंडरी डॉ. अंशज सिंह ने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि किसी शिक्षक को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। विकल्प भरने वाले 18000 से अधिक शिक्षकों में पीजीटी, टीजीटी, सीएंडवी, ईएसएचएम, प्रिंसिपल, हेडमास्टर और विभिन्न ट्रेड के वोकेशनल अनुदेशक शामिल हैं। अंशज सिंह ने कहा कि मेवात कैडर में भी शिक्षकों की कमी को जल्द दूर किया जाएगा।
दिवाली से पहले शिक्षकों की कमी दूर करने का लक्ष्य
स्कूलों में दिवाली से पहले शिक्षकों की कमी दूर करने का लक्ष्य रखा है। विद्यार्थी संख्या के हिसाब से प्रदेश में 15 हजार शिक्षकों की कमी है। तबादला प्रक्रिया सिरे चढ़ने के बाद भर्तियों की रफ्तार तेज की जाएगी, खाली पदों को एचएसएससी और कौशल रोजगार निगम के जरिये भरा जाएगा। शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने ये बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि 20 से कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूलों को विभाग अनावश्यक रूप से समायोजित नहीं करने जा रहा। एक ही वार्ड या गांव के 3 किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों का ही समायोजन कर रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की कमी को पूरा करना है।
रेशनेलाइजेशन से अधीनस्थ स्कूलों के मुखिया का न केवल बोझ कम होगा, बल्कि वे बच्चों की पढ़ाई के लिए अधिक वक्त दे पाएंगे। मुख्य स्कूल मुखिया के अलावा अन्य प्रभारियों को वेतन बनाने से लेकर छुट्टी स्वीकृत करने जैसे तमाम अतिरिक्त कार्यों से छुटकारा मिलेगा। स्कूली कार्यों के लिए बीईओ दफ्तर के चक्कर भी नहीं काटने होंगे।
सभी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में सह शिक्षा लागू करने के भी अनेक फायदे मिलेंगे। फिलहाल कक्षा 6 से 12 वी तक 45 छात्रों पर एक सेक्शन बनाया गया है। सर्वे के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों की 18 फीसदी अनुपस्थिति दर है, जिसके हिसाब से करीब 8 विद्यार्थी प्रतिदिन अनुपस्थित रहते हैं। इससे साफ है कि वास्तव में 37 छात्र एक सेक्शन में पढ़ाई करते हैं। नई शिक्षा नीति भी 35 छात्रों पर एक सेक्शन बनाने की बात कहती है। स्कूलों का समायोजन पहली बार नहीं हो रहा है, 2013 में करीब 800 स्कूलों को समायोजन के दायरे में लाया गया था।