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Amritsar,अमृतसर: अकाल तख्त के निर्देश के एक दिन बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा दिए गए इस्तीफे को खारिज कर दिया है। अपने सहयोगी के साथ एकजुटता दिखाते हुए अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने एसजीपीसी को निर्देश दिया कि वह इस्तीफा स्वीकार न करे, अन्यथा उनके समेत सभी तख्त जत्थेदारों को पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि कल शाम मोबाइल फोन पर उन्हें जो इस्तीफा मिला था, उसे गुरुवार को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा, "एसजीपीसी ज्ञानी हरप्रीत सिंह और अन्य जत्थेदारों के साथ खड़ी है। उनकी सभी चिंताओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाएगा। सिख समुदाय को उनकी सेवाओं की जरूरत है और मैं उनसे इस महत्वपूर्ण समय में पद पर बने रहने की अपील करता हूं, जब भाजपा-आरएसएस समेत कुछ पंथ विरोधी ताकतें समुदाय और इसकी संस्थाओं को बांटने पर तुली हुई हैं।"
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में शिअद के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदर, मुख्य प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा और कुछ अन्य लोगों ने गुरूवार को अमृतसर में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के साथ उनके आवास पर बंद कमरे में बैठक की। बाद में चीमा ने कहा कि यदि पार्टी के किसी सदस्य ने तख्त के किसी जत्थेदार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है तो शिअद की ओर से जत्थेदार से माफी मांगी गई है। उन्होंने कहा, "शिअद अकाल तख्त के सिद्धांतों से उभरा है और उसके आदेशों के आगे झुकने के लिए बाध्य है। जत्थेदारों का गौरव और सम्मान शिअद के लिए सर्वोच्च चिंता का विषय रहा है। फिर भी, यदि हमारे किसी साथी ने जत्थेदारों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया है तो हमने पार्टी की ओर से माफी मांगी है।" चीमा ने सभी अकाली सदस्यों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि मौखिक रूप से या किसी भी मंच पर सिंह साहिबानों के खिलाफ कोई भी अपमानजनक बयान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हालांकि वल्टोहा अब अकाली दल के सदस्य नहीं हैं, फिर भी मैं उनसे भी अनुरोध करता हूं कि वे सिंह साहिबानों की गरिमा के खिलाफ और अधिक कीचड़ उछालने से बचें। मुझे उम्मीद है कि वे इस सलाह पर भी विचार करेंगे।' चीमा ने कहा कि उन्होंने ज्ञानी हरप्रीत सिंह से भी बात की है और आश्वासन दिया है कि यदि वे उनके या उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आपत्तिजनक संदेश पोस्ट करने वाले किसी भी अकाली दल कार्यकर्ता का नाम बता दें तो कार्रवाई शुरू करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
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Payal
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