नूंह हिंसा में सरकार ने डीसी और एसपी को बदल दिया था। अब डीएसपी का भी तबादला कर दिया गया है। नूंह के डीएसपी जयप्रकाश को पंचकूला भेज दिया गया है। अब मुकेश कुमार नूंह डीएसपी का पद संभालेंगे।
31 जुलाई को एक शोभायात्रा पर हमले के बाद नूंह में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। इसकी आंच गुरुग्राम, फरीदाबाद और पलवल तक पहुंच गई थी। इसके बाद सरकार एक्शन में आई थी। डीसी और एसपी का तबादला कर दिया गया था। वहीं मेवात व गुरुग्राम में नूंह हिंसा के आरोपियों के घरों पर बुल्डोजर चलाया गया था। हालांकि इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए बिना तय कानूनी प्रक्रिया का पालन किए किसी भी निर्माण को गिराने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए तोड़े गए निर्माणों की जानकारी तलब कर ली है।
सरकार से मांगा था जवाब
सोमवार को जस्टिस जीएस संधावालिया पर आधारित खंडपीठ ने समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेते हुए हरियाणा सरकार से पूछा कि क्या इन इमारतों को गिराने से पहले तय कानूनी प्रक्रिया के तहत नोटिस जारी किया गया था। इसके साथ ही अब बिना तय कानूनी प्रक्रिया का पालन किए किसी भी निर्माण को गिराने पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि सरकार की निर्माण गिराने की यह कार्रवाई बिना किसी नोटिस लोगों के अधिकारों का हनन है इसलिए इसको तुरंत रोका जाना चाहिए। ऐसी परिस्थितियों में हम राज्य को नोटिस जारी करने के लिए बाध्य हैं क्योंकि हमारे संज्ञान में आया है कि राज्य सरकार अनावश्यक बल का प्रयोग कर रही है।
शक्ति भ्रष्ट करती है और पूर्ण शक्ति पूर्ण भ्रष्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि मुद्दा यह भी उठता है कि क्या कानून-व्यवस्था की समस्या की आड़ में किसी विशेष समुदाय की इमारतों को तो नहीं गिराया जा रहा है और क्या राज्य द्वारा जातीय सफाए की कवायद तो नहीं की जा रही है। कोर्ट ने एक वरिष्ठ मंत्री की बयान पर भी सवाल उठाए हैं जिसमें उन्होंने सांप्रदायिक हिंसा की जांच में बुलडोजर को इलाज का हिस्सा बताया था। कोर्ट दो समाचार पत्रों की खबरों को संज्ञान मामले की फाइल के साथ संलग्न करने का आदेश देते हुए कहा कि लॉर्ड एक्टन ने कहा है कि शक्ति भ्रष्ट करती है और पूर्ण शक्ति पूर्णत: भ्रष्ट करती है। इस मामले में कोर्ट का सहयोग करने के लिए एडवोकेट क्षितिज शर्मा को कोर्ट मित्र नियुक्त कर दिया।