
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में बड़े पुलिस अधिकारियों पर आरोप हैं ऐसे में जांच के लिए एसआईटी का गठन जरूरी है। एसआईटी एडीजीपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में होनी चाहिए और इसके सदस्य एसएसपी स्तर से नीचे का अधिकारी नहीं होना चाहिए।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप की बेअदबी के मुख्य आरोपी मोहिंदर पाल बिट्टू की नाभा जेल में साथी कैदियों द्वारा जून 2019 में हत्या कर दी गई थी। इस हत्या को एक साजिश बताते हुए सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका का हाईकोर्ट ने निपटारा कर दिया। कोर्ट ने जांच के लिए एडीजीपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि एसआईटी के सदस्य एसएसपी स्तर के हों।
मृतक मोहिंदरपाल बिट्टू की पत्नी संतोष कुमारी ने सीनियर एडवोकेट बलतेज सिद्धू के जरिये याचिका दाखिल करते हुए बताया कि उसके पति को अवैध तरीके से हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था। बाद में फरीदकोट के कोटकपूरा में 13 जून 2018 में आईपीसी की धारा-295 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। बिट्टू को इस मामले में फंसाया गया था, उसे गिरफ्तार कर नाभा जेल में रखा गया था। जून 2019 में जेल में अन्य कैदियों ने उसके सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर उसकी हत्या कर दी थी।
पुलिस ने मामले में पहले दो कैदियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, बाद में दो और को नामजद कर दिया था।
मृतक मोहिंदर पाल बिट्टू की पत्नी का आरोप है कि उसके पति की हत्या साजिश के तहत हुई है। मरने से पहले मृतक ने डायरी और कुछ नोट लिखे थे, जिसमें उसने पूरा खुलासा किया है कि पुलिस ने उसे किस तरह से अवैध हिरासत में रख कई दिनों तक उसे टॉर्चर किया था। अब पुलिस ने उसके पति की हत्या का अदालत में अधूरा चालान पेश कर दिया है। पुलिस इस मामले की जांच नहीं करना चाहती है। ऐसे में सीबीआई से जांच करवाई जाए।
हाईकोर्ट ने याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि इस मामले में बड़े पुलिस अधिकारियों पर आरोप हैं ऐसे में जांच के लिए एसआईटी का गठन जरूरी है। एसआईटी एडीजीपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में होनी चाहिए और इसके सदस्य एसएसपी स्तर से नीचे का अधिकारी नहीं होना चाहिए। हाईकोर्ट ने एसआईटी गठित करने का आदेश देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया।