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Chandigarh चंडीगढ़। पंजाब के आप विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा ने बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली अपनी याचिका मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली। सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी और अधिवक्ता निखिल जैन द्वारा उनकी याचिका वापस लेने के अनुरोध को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने उन्हें जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय जाने की छूट दे दी। सिंह ईडी द्वारा जांचे जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 6 नवंबर, 2023 को अपनी गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं। 29 मई को शीर्ष अदालत ने सिंह को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। सीबीआई ने पिछले साल मई में 40 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में जसवंत सिंह से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी। सितंबर 2022 में ईडी ने कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत उनसे जुड़े कई परिसरों पर छापेमारी की थी। ईडी ने कथित तौर पर छापेमारी के दौरान 32 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन और हार्ड ड्राइव जब्त किए थे।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पहले उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि इसमें कोई अवैधता नहीं है। उच्च न्यायालय ने कहा था, "हमें रिमांड और बाद की कार्यवाही के आदेशों में कोई स्पष्ट अवैधता नहीं मिली है।" अमरगढ़ से आप विधायक ने तर्क दिया था कि उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन करते हुए गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, उच्च न्यायालय ने बताया था कि गिरफ्तारी के लिखित आधार उन्हें सौंपे गए थे, जो उनके हस्ताक्षरों से प्रमाणित होते हैं, जो पीएमएलए की धारा 19(1) के वास्तविक अनुपालन के बराबर है।
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Harrison
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