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जालंधर में रहने वाले 21 महीने के मासूम को एक भयानक बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया है
जालंधर: जालंधर में रहने वाले 21 महीने के मासूम को एक भयानक बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया है। यह बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी है। यह जीन से संबंधित भयानक बीमारी है, जिसके साथ नर्वस सिस्टम ख़त्म हो जाता है। इस कारण बच्चा ख़ुद का भार उठाने यहां तक कि ख़ुद उठ सकने से भी असमर्थ हो जाता है। भारत में फ़िलहाल इस भयानक बीमारी का इलाज नहीं है लेकिन यू. एस. ए. में है। यहां इलाज में इस्तेमाल होने वाले एक टीके की कीमत 16 करोड़ रुपए है।
पिछले साल मुंबई में 5 साल की एक लड़की एस.एम.ए. का शिकार हो गई थी, जो देश का पहला मामला था। अब तक पंजाब में ऐसे 6 मामले सामने आ चुके हैं और जालंधर का यह पहला मामला है, जो खुरला किंगरा इलाके का सामने आया है। जहां प्लम्बर का काम करने वाले संतोख कुमार के 21 महीने के बेटे रियां बंगा को यह बीमारी हुई है। बेटे के इलाज के लिए संतोख कुमार एम्स तक के चक्कर भी लगा चुका है लेकिन हल नहीं निकला।
बच्चे के पिता ने कहा कि उन्होंने कई बड़े-बड़े अस्पतालों तक पहुंच की और माहिर डाक्टरों को बच्चा दिखाया लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ। बच्चे के माता -पिता ने पंजाब सरकार और समाज सेवीं संस्थाओं से मदद की गुहार लगाई है। बच्चे के पिता ने कहा कि 16 करोड़ रुपए किसी सरकार के लिए कोई ज़्यादा बड़ी रकम नहीं होती है, लिहाज़ा समय रहते हमारी मदद की जाए जिससे उनका बच्चा पैरों पर खड़ा हो सके।
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