पंजाब में 'भ्रष्टाचार' के आरोप में पिछले पांच महीनों के दौरान 135 सरकारी अधिकारियों समेत 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रविवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान में कहा गया कि सतर्कता ब्यूरो द्वारा रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 135 अधिकारियों में से 25 राजपत्रित अधिकारी हैं।
इसमें कहा गया कि सतर्कता ब्यूरो ने लगभग 80 अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया है। बयान में कहा गया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के सत्ता में आने के बाद से केवल पांच महीनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री भगवंत मान की लड़ाई को अभूतपूर्व सफलता मिली है। बयान के अनुसार, गिरफ्तार लोगों में मौजूदा 'आप' सरकार में एक मंत्री और पिछली कांग्रेस सरकार के एक पूर्व मंत्री शामिल हैं। गिरफ्तार लोगों में भारतीय प्रशासनिक सेवा का एक वरिष्ठ अधिकारी और 50 से अधिक पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।
इसमें कहा गया कि आरोपियों में पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के दो कर्मचारी और 'लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट' के तीन कर्मचारी शामिल हैं। बयान में कहा गया, ''भ्रष्टाचार के आरोप में 'आप' के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला की बर्खास्तगी और बाद में गिरफ्तारी से, मान सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में कड़ा रुख अपनाया है। कांग्रेस की पिछली सरकार में मंत्री रहे साधु सिंह धर्मसोत को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार करके बड़ी कार्रवाई की गई। इसके अलावा कई अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई।''
बयान के अनुसार, भ्रष्टाचार रोधी अभियान में तेजी आने के साथ ही जुलाई में ही पांच अलग-अलग मामलों में आठ सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इसमें कहा गया कि विभिन्न अदालतों द्वारा सात मामलों में दोषसिद्धि की गई जिसमें आठ सरकारी अधिकारी और एक अन्य व्यक्ति शामिल हैं।