पंजाब

पिछले वर्ष के मुकाबले खेतों में पराली जलाने के मामलों में आई गिरावट

Shantanu Roy
26 Oct 2022 6:00 PM GMT
पिछले वर्ष के मुकाबले खेतों में पराली जलाने के मामलों में आई गिरावट
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गुरदासपुर। इस साल खेतों में अवशेष को आग लगाने से रोकने के लिए एक महीने से कार्यशील पंजाब के कृषि और किसान भलाई विभाग की मेहनत ने रंग लाना शुरू कर दिया है। अब तक समूचे पंजाब में 5798 स्थानों पर आग लगाने के मामले सामने आए हैं जबकि पिछले साल 25 अक्तूबर तक 6144 किसानों ने खेतों में आग लगाई थी। यदि वर्ष 2020 की बात की जाए तो 15 अक्तूबर से 25 अक्तूबर के बीच 14,471 किसानों की तरफ से खेतों में आग लगाने के मामले सामने आए थे। परंतु इस बार जिस तरह से पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल सहित कृषि विभाग के सीनियर अधिकारी से लेकर फील्ड स्टाफ तक लगातार कार्यशील रहा उसके बहुत ही सार्थक परिणाम सामने आए। एकत्रित आंकड़ों के अनुसार यदि अकेले 25 अक्तूबर की बात की जाए तो वर्ष 2020 में इसी दिन 1476 किसानों ने खेतों में आग लगाई थी जबकि पिछले साल 76 किसान ऐसे थे जिन्होंने 25 अक्तूबर को अवशेष जलाए थे। इस साल पंजाब में 181 आग लगाने की रिपोर्टें प्राप्त हुई हैं।
यदि जिले के मुताबिक समीक्षा की जाए तो इस साल तरनतारन जिला ऐसा है जहां आग लगने की सबसे ज्यादा घटनाएं हुईं जिनकी संख्या 1350 रही जबकि पठानकोट में अभी तक आग लगने का एक भी मामला सामने नहीं आया। शहीद भगत सिंह जिले में केवल 9 केस सामने आए जिसके बाद मालेरकोटला में 24, मुक्तसर में 29, बरनाला 39, फाजिल्का 52, फरीदकोट 54, रूपनगर 52, साहिबजादा अजीत सिंह नगर 59, मानसा 50, होशियारपुर 51, बठिंडा 90, मोगा 138, फतेहगढ़ साहिब 234, फिरोजपुर 305, जालंधर 282, कपूरथला 395, लुधियाना 257, संगरूर 198, गुरदासपुर 577, अमृतसर में 1085 स्थानों पर आग लगने की घटनाएं सैटेलाइट द्वारा रिपोर्ट हुई हैं। इनमें कुछ जिले ऐसे भी हैं जिनमें पिछले साल 15 सितम्बर से 25 अक्तूबर तक आग लगने के मामलों की संख्या के मुकाबले इस साल मामले बढ़े हैं परंतु यदि पूरे पंजाब की समीक्षा की जाए तो पिछले साल के मुकाबले बड़े स्तर पर आग लगने के मामले घटे हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह विभाग की टीम की सख्त मेहनत का परिणाम है।
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