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अलगाववादी नारे लिखने का मामला
संगरूर के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों की दीवारों पर अलगाववादी नारे लिखने के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें लौंगोवाल निवासी पिता-पुत्र भी शामिल हैं। तीसरा चंडीगढ़ में 6-7 साल गार्ड की नौकरी कर चुका है। पुलिस ने इनसे 5 मोबाइल फोन, 5 सिम कार्ड, 2 मोटरसाइकिल, तीन बोतल स्प्रे पेंट, वारदात के समय इस्तेमाल किए हुए कपड़े बरामद किए हैं। जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने पैसों के लालच में वारदात की थी और इन्हें एसएफजे की ओर से भुगतान किया गया था।
एसएसपी मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि पिछले दिनों संगरूर में धार्मिक, सार्वजनिक व स्थानों पर शांति तथा धार्मिक सद्भावना को भंग करने की नीयत से कुछ शरारती तत्वों ने अलगाववादी नारे व एसएफजे के नारे लिख दिए थे। इस संबंधी पुलिस ने थाना सिटी में विभिन्न धाराओं तहत मामला दर्ज किया था। इन घटनाओं की जिम्मेदारी एसएफजे के प्रभारी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने वीडियो जारी करके ली थी। मामले की गंभीरता के मद्देनजर विभिन्न पुलिस टीमों का गठन किया गया। पुलिस ने रेशम सिंह निवासी गांव हमीदी बरनाला, मनप्रीत सिंह व उसके पिता कुलविंदर सिंह निवासी पिंडी केहर सिंह थाना लौंगोवाल को गिरफ्तार किया है।
एसएसपी सिद्धू ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि रेशम सिंह ने 6-7 साल से चंडीगढ़ में बतौर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की थी। वह पिछले 2 साल से सोशल मीडिया के माध्यम से एसएफजे के मुखी गुरपतवंत सिंह पन्नू के संपर्क में था और उनसे फोन पर भी बात करता था। करीब एक साल पहले वह अपने गांव हमीदी आ गया और उसने अपने साथ अन्य व्यक्तियों को जोड़ने की कवायद शुरू कर दी। इसके तहत उसने कुलविंदर सिंह और मनप्रीत सिंह को अपने साथ मिला लिया। इन्होंने पैसे के लालच में वारदात को अंजाम दिया। इन्हें कुछ पैसों का भुगतान विभिन्न मनी ट्रांसफर पोर्टलों के जरिये कैश में एसएफजे से किया गया। इसकी जांच की जा रही है।
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