ओडिशा

नबा दास की हत्या के मुद्दे पर ओडिशा विधान सभा में लगातार दूसरे दिन हंगामा

Teja
22 Feb 2023 2:02 PM GMT
नबा दास की हत्या के मुद्दे पर ओडिशा विधान सभा में लगातार दूसरे दिन हंगामा
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भुवनेश्वर।ओडिशा विधानसभा में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नबा दास की हत्या को लेकर बुधवार को लगातार दूसरे दिन हंगामा हुआ और अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही अपराह्न चार बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।आज जैसे ही सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और कांग्रेस के सदस्य हाथों में तख्तियां लिए सदन के बीचोंबीच आ गए तथा श्री दास की हत्या को सरकार प्रायोजित बताते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

अध्यक्ष बी के अरुख सदन में हंगामे को नजरअंदाज करते हुए कामकाज चलाना चाहते थे और उन्होंने कृषि मंत्री रणेंद्र प्रताप स्वाइन से सवाल का जवाब देने को कहा,पर विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्री की हत्या की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग को लेकर नारेबाजी तेज कर दी।विपक्ष का मुकाबला करने के लिए सत्ता पक्ष के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े हो गए और राज्य के प्रति केंद्र की लापरवाही के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

सदन में जल्द ही अराजक स्थिति उत्पन्न हो गयी। अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से शून्यकाल के दौरान अपना मुद्दा उठाने और प्रश्नकाल पूरा होने देने के लिए कहा, लेकिन उत्तेजित विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष के अनुरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण उन्हें सदन को स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पूर्वाह्न 1130 बजे तक बिना कोई कामकाज नहीं हुआ ओर अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

अपराह्न साढ़े ग्यारह बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्षी सदस्य फिर सदन के बीचोंबीच आ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने श्री दास की हत्या पर बयान दिया जो सुनाई नहीं दिया।मुख्यमंत्री ने जैसे ही अपना बयान पूरा किया, अध्यक्ष ने गतिरोध को दूर करने के लिए सदन को शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दिया और अपने कक्ष में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई।

बजट सत्र के उद्घाटन के दिन मंगलवार को विधानसभा में हंगामा भी देखने को मिला। इसी मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों सदस्यों ने राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया।भाजपा श्री दास की हत्या की सीबीआई जांच की मांग कर रही है जबकि कांग्रेस उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की निगरानी में एसआईटी जांच चाहती है।दोनों पक्षों ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री की हत्या के पीछे गहरी साजिश है और कहा कि सरकार की ओर से अपराध शाखा की जांच के आदेश से हत्या के मामले में सच्चाई सामने नहीं आएगी।

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