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ओड़िशा न्यूज
संबलपुर : दो वर्ष के कोरोना काल के बाद पुरी में हो रहे महाप्रभु श्रीजगननाथ की रथयात्रा को लेकर भक्तों में उत्साह की तरह, संबलपुर में भी श्रीजगननाथ के रथयात्रा को लेकर बारहवीं विज्ञान के छात्र ज्योतिरादित्य महांती और परिवार में भारी उत्साह है। बचपन से ही महाप्रभु श्रीजगननाथ और जगन्नाथ संस्कृति से प्रभावित ज्योतिर्यादित्य ने पुरी के तीन रथों की तरह हुबहु तीन लघु रथ का निर्माण किया है। पांच फुट ऊंचे इन लघु रथों को देखने से पुरी के महाप्रभु श्री जगन्नाथ के नंदीघोष, भ्राता बलदेव के तालध्वज और बहन सुभद्रा के दर्पदलन रथों का आभास होता है।
शहर के अईंठापाली थाना अंतर्गत शुभश्री विहार में अपने माता-पिता के साथ रहने और बुर्ला डीएवी स्कूल में बारहवीं विज्ञान कक्षा का छात्र ज्योतिर्यादित्य महांती ने पिछले एक महीने के अथक कोशिशों के बाद लकड़ी, सोल, कार्डबोर्ड, कपड़े, रंगों की सहायता से अपने बचपन के सपने को साकार कर दिखाया है।
पुरी के रथों की तरह हुबहु दिखने वाले ज्योतिर्यादित्य के इन लघु रथों को देखने के लिए उसके घर में लोगों की भीड़ जुटने लगी है।
ज्योतिर्यादित्य ने बताया है कि बचपन से उसे चित्रकला और हस्तकला में रुचि थी। वह महाप्रभु श्रीजगननाथ और जगन्नाथ संस्कृति से भी प्रभावित था और पुरी के रथों की तरह संबलपुर में भी महाप्रभु श्रीजगनाथ, भ्राता बलदेव और बहन सुभद्रा का रथ बनाना चाहता था। बचपन का यह सपना अब जाकर साकार हुआ है।
ज्योतिर्यादित्य की माता मनस्विनी महांती और व्यवसायी पिता राजकमल महांती ने बताया है कि ज्योतिर्यादित्य की बचपन की रुचि को देखते हुए परिवार की ओर से उसे पूरा सहयोग दिया गया। उसने वर्ष 2021 में भी पुरी रथयात्रा की तरह तीन रथ निर्माण किया था, लेकिन कोरोना काल की पाबंदियों की वजह से घर में ही रीति नीति के साथ इसका आयोजन किया गया था। इस बार इन लघु रथों को घर से बाहर निकालकर खींचा जाएगा। इन लघु रथों को खींचने के लिए इलाके के लोगों में भी उत्साह देखा जा रहा है।
Gulabi Jagat
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