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खदान में खनन एवं परिवहन सामान्य हुआ है पर प्रशासन के इस कदम से विस्थापितों में आक्रोश है
राउरकेला : एनटीपीसी डेंगुला कोयला खदान के लिए विस्थापित भूमिहीन परिवार के सदस्यों ने पुनर्वास समेत विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार से धरना देकर खनन कार्य को ठप कर दिया था। आंदोलन में शामिल 35 विस्थापितों को रविवार को हेमगिर थाना की पुलिस द्वारा जबरन उठा लिया गया तथा हिरासत में रखा गया। उपजिापाल अभिमन्यु बेहरा ने विस्थापितों को समझा बुझाकर हटने का अनुरोध किया था पर विस्थापित अपनी जिद पर अड़े थे जिसके बाद पुलिस द्वारा यह कार्रवाई की गई। खदान में खनन एवं परिवहन सामान्य हुआ है पर प्रशासन के इस कदम से विस्थापितों में आक्रोश है।
विस्थापितों का आरोप है कि एनटीपीसी कंपनी द्वारा पुनर्वास के साथ अनुकंपा राशि देने का भरोसा देकर उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया। इसके बाद अधिकारी उनकी समस्या सुनने को तैयार नहीं हैं। विस्थापितों को पेंशन, नौकरी दी गई पर भूमिहीन विस्थापितों को को इससे वंचित कर दिया गया। खनन के चलते उनकी आजीविका भी छिन गई है। डेंगुला, मझापाड़ा, बेलडीह गांव में भूमिहीन विस्थापित कंपनी की सुविधा से वंचित हैं। 28 अक्टूबर 2017 को पुनर्वास एवं पारिपािर्श्वक विकास कमेटी की बैठक में आरडीसी ने उन्हें चार डिसमिल जमीन व सहायता राशि देने का भरोसा दिया था। यहां तक कि उपजिलापाल की देखरेख में जांच कमेटी भी बनी थी। उनके रिपोर्ट के आधार पर सुविधा मिलना था पर किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसे लेकर 22 नवंबर 2021 को प्रशासन व कंपनी को ज्ञापन दिया गया था और 22 दिसंबर तक मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। शुक्रवार से उन्होंने आंदोलन कर खदान में काम ठप करा दिया था। हेमगिर तहसीलदार विक्टोरिया एक्का व थाना अधिकारी रमाकांत साय ने उन्हें समझाने की कोशिश की थी। उपजिलापाल भी उनके बीच जाकर समझाने का प्रयास किया पर वे नहीं माने तब पुलिस द्वारा जबरन उन्हें उठा लिया गया।
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