संबलपुर। ओडिशा में कथित हनीट्रैप का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब भाजपा की महिला मोर्चा ने मामले में सीबीआई(CBI)जांच की मांग की है। वहीं, कांग्रेस की तरफ से भी SIT जांच की मांग की जा रही है। भाजपा का आरोप हैं कि सत्तारूढ़ बीजू जनता दल मामले को दबाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि इसमें पार्टी के कई नेता और मंत्री शामिल हैं।
ओडिशा के कालाहांडी जिला की अर्चना नाग चांद को लेकर पिछले छह दिनों से राज्य में हड़कंप मचा हुआ है। 28 वर्षीय अर्चना के बैंक लाकर से पुलिस ने कई वीडियो और फोटो जब्त किए हैं। इसमें कई नेता, व्यवसायी, फिल्म निर्माता, रियल एस्टेट कारोबारी, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों, ठेकेदारों के अश्लील वीडियो और फोटो हैं। इन्हीं वीडियो और फोटो के बल पर अर्चना रसूखदारों को ब्लैकमेल कर बड़े-बड़ों से लाखों की वसूली करती थी।
अर्चना नाग की गिरफ्तारी से खुल रहे कई राज
भुवनेश्वर पुलिस ने उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया है, साथ ही उसके पति व सहयोगी जगबंधु चांद को पुलिस के सामने हाजिर होने का नोटिस जारी किया है। अर्चना नाग चांद की गिरफ्तारी और उसके पास से जब्त वीडियो और फोटो के बाद उसके संपर्क में आए बड़े बड़ों की सिट्टी पिट्टी गुम है। अर्चना के सिंडिकेट में फंसे बड़े बड़ों को अब अपने मान सम्मान की चिंता सता रही है, जो कभी अर्चना के काल गर्ल्स के साथ रंगरेली मनाते थे। ओडिया फिल्म निर्माता को फंसाने के आरोप में छह दिनों पूर्व अर्चना को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसके खिलाफ कार्रवाई में पुलिस के सामने परत दर परत राज सामने आ रहे हैं।
जांच पड़ताल के बाद पुलिस को पता चला है कि भुवनेश्वर के खंडगिरी में किराए के मकान में रहने के दौरान अर्चना खुद को वकील और एक राजनैतिक पार्टी की नेता बताकर बड़े लोगों से दोस्ती करती थी और अपना काम निकालने की खातिर उन्हें खुश करती थी। इसके लिए उसने दर्जन भर से अधिक काल गर्ल्स रखे थे और उन्हें अपने ग्राहकों के पास भेजती थी। काल गर्ल्स के पास कैमरा भी होता था, जिससे वह शारीरिक संबंध बनाने वाले रसूखदार लोगों का फोटो और वीडियो बनाकर अर्चना को दे देती थीं। इसके बाद अर्चना उस फोटो और वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करती थी और लाखों रुपये वसूल करती थी।
ब्लैकमेलिंग से खड़ा की 35 करोड़ रुपये की संपत्ति
इस संबंध में भुवनेश्वर के डीसीपा प्रतीक सिंह ने कहा कि बताते हैं कि ब्लैकमेलिंग की कमाई से अर्चना ने भुवनेश्वर में एक आलीशान भवन बनवाया है। इस भवन में कई नेताओं, व्यवसायी, फिल्म निर्माता, रियल एस्टेट टायकून, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी और ठेकेदारों का आना जाना लगा रहता था। इसी भवन में टेंडर फिक्सिंग का भी काम होता था।
अपना काम हासिल करने के लिए अर्चना अपने सिंडिकेट की काल गर्ल्स को उनके पास भेजकर खुश करती थी। गिरफ्तार अर्चना के घर और बैंक लाकर से चार मोबाइल फोन, दो टैबलेट, एक लैपटाप, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, बैंक पासबुक, सीसीटीवी कैमरा के फुटेज, फोटो और वीडियो जब्त किया गया है। अबतक की जांच पड़ताल के बाद अर्चना और उसके पति जगबंधु के पास करीब 35 करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति का पता चला है।
कौन है अर्चना नाग
अर्चना नाग कालाहांडी जिला के एक सरकारी शिक्षिका की बेटी है। हाईस्कूल की पढ़ाई के बाद अर्चना भुवनेश्वर चली गई। वहां उसकी जान-पहचान बालेश्वर जिला के जलेश्वर के जगबंधु चांद से हुई। बाद में दोनों ने विवाह कर लिया।
ब्लैकमेलिंग के मामलों का कैसा हुआ खुलासा
दरअसल, इस साजिश का खुलासा बीते महीने हुए था। उस दौरान एक महिला ने उड़िया फिल्म निर्माता अक्षय परीजा के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। महिला ने आरोप लगाए थे कि परिजा ने फिल्म में रोल दिलाने के नाम पर उनका यौन उत्पीड़न किया है। इसके बाद फिल्म निर्माता की तरफ से अर्चना नाग नाम की महिला और उसकी सहयोगी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई।
उन्होंने आरोप लगाए कि अश्लील तस्वीरों के नाम पर उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है और पैसों की मांग की जा रही है। अब इसके बाद एक महिला की तरफ से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि अर्चना ने उसे ड्रिंक में नशीला मिलाकर दिया है, जिसके बाद अर्चना ने उसकी अश्लील तस्वीरें ली। महिला ने आरोप लगाए कि अर्चना उसे कारोबारियों और रजनेताओं समेत प्रभावशाली लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए कहती है।
क्या है ब्लैकमेलिंग
किसी व्यक्ति कि कोई सच्ची और गोपनीय या झूठी जानकारी को पब्लिक करना या प्रचारित करने की धमकी देना।
ऐसी जानकारी जो व्यक्ति को झूठे आपराधिक केस में फंसा सकती है।
शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक नुकसान से रिलेटेड कोई भी खतरा होना।
ऐसे काम जो आमतौर पर अपराधी की मांगों को पूरा करने के लिए किया जाता है। जैसे पर्सनल प्रॉफिट, बदला, शक्ति, पद, धन, संपत्ति आदि।
यदि कोई ब्लैकमेल करे तो क्या करें?
कई बार, एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को ब्लैकमेल करके परेशान करता है या उनकी प्रतिष्ठा को नष्ट करने और उन्हें बदनाम करने की धमकी देता है। भारत में उत्पीड़न और ब्लैकमेलिंग दोनों ही अपराध है। उत्पीड़न गलत और बुरे कामों की वजह से होता है, जबकि ब्लैकमेलिंग किसी व्यक्ति की झूठी जानकारी को पब्लिक करना या प्रचारित करने के लिए धमकियां देकर जबरदस्ती काम कराना होता है। ऐसे में यदि कोई आपको ब्लैकमेल करने की कोशिश करे तो आप सबसे पहले पुलिस थाने और साइबर क्राइम में ब्लैकमैलेर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएं।
ब्लैकमेलिंग पर क्या है कानून
भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 384 के तहत ब्लैकमेलिंग एक गंभीर अपराध है। ब्लैकमेलिंग भी आपराधिक धमकी के बराबर हो सकता है। आपराधिक धमकी को भारतीय दंड संहिता की धारा 503 के मूल प्रावधानों के तहत अच्छी तरह से समझाया गया है। ब्लैकमेलिंग करने वाले व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा 384 के तहत भी दंडित किया जा सकता है, जो धारा जबरदस्ती वसूली करने के लिए दंड प्रदान करती है।