ओडिशा के भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारियों ने मंगलवार को एक तहसीलदार को पांच फर्जी पैन कार्ड और लाखों के गबन मामले में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी तहसीलदार ने अपने पांचों पैन कार्ड में अपने पिता का नाम और जन्म तिथि अगल-अलग दर्ज करवाई है। आरोपी के पास से 4.56 लाख रुपए की ब्लैक मनी भी बरामद हुई है। सतर्कता अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि पुरी जिले के निमापारा के तहसीलदार रामचंद्र जेना को उनके निमापारा स्थित सरकारी आवास पर सुबह करीब पांच बजे 4.65 लाख रुपये की नकदी के साथ हिरासत में लिया गया। जमीन की रजिस्ट्री सहित भ्रष्टाचार के दो मामलों का सामना कर रहे जेना अपने पास मिली लाखों की नकदी का हिसाब नहीं दे सके। इस मामले में जेना के भाई लक्ष्मण जेना को भी गिरफ्तार किया गया था।
जेना के पास 5 पैन कार्ड भी मिले हैं। जिनमें 'जन्म तिथि' और 'पिता का नाम' अलग-अलग दर्ज है, आईटी अधिनियम के अनुसार, अधिनियम की धारा 272बी के तहत डुप्लीकेट पैन कार्ड रखने वाले किसी भी व्यक्ति पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार तहसीलदार का छोटा भाई लक्ष्मण जेना अपने भाई रामचंद्र के साथ भ्रष्टाचार गतिविधियों में सक्रिय था। लक्ष्मण अपने भाई के पैसों का पूरा प्रबंध देखता था। जांच के दौरान तहसीलदार के भाई ने कबूल किया कि सितंबर 2021 में उसके भाई ने उसे तीन बार निमापारा बुलाया और उसे तीन किस्तों (2.5 लाख रुपये, 5 लाख रुपये और 2.5 लाख रुपये) में 10 लाख रुपये दिए, जो उसने अपने आईसीआईसीआई बैंक खाते में जमा किए थे। आईसीआईसीआई बैंक की पासबुक भी जब्त कर ली गई है।
घटनाक्रम के मुताबिक, सोमवार की रात रामचंद्र को उसके भाई ने फोन किया कि मंगलवार तड़के किसी से साढ़े चार लाख रुपये की रकम वसूलनी है। इस दौरान पहले से घात लगाए विजिलेंस के अधिकारियों ने रामचंद्र को पैसों के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया। फिलहाल विजिलेंस की टीम कटक में सीडीए सेक्टर 11 स्थित रामचंद्र के आवास और केंद्रपाड़ा के गरदपुर ब्लॉक के धनमंडल में उनके पैतृक स्थान पर तलाशी कर रही है।