ओडिशा

ईसाई धर्मावलंबियों के लिए पवित्र प्रार्थना स्थल माना जाता है सेंट मेरी चर्च, बेल्जियम के फादर ने डाली थी इसकी नींव

Gulabi
18 Dec 2021 5:51 AM GMT
ईसाई धर्मावलंबियों के लिए पवित्र प्रार्थना स्थल माना जाता है सेंट मेरी चर्च, बेल्जियम के फादर ने डाली थी इसकी नींव
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इस वर्ष 24 दिसंबर को भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है
राउरकेला : सेंट मेरी कैथोलिक चर्च, राजगांगपुर ईसाई धर्मावलंबियों के लिए पवित्र प्रार्थना स्थल माना जाता है। हर सुख-दुख में लोग आकर यहां प्रभु यीशु को याद करते हैं। हर रविवार को यहां प्रार्थना की जाती है। इसके अलावा पर्व त्योहार के दिनों में यहां लोग पहुंचते हैं एवं प्रार्थना के साथ एक-दूसरे को शुभकामना देते हैं। इस वर्ष 24 दिसंबर को भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
इतिहास : चर्च के वर्तमान फादर बर्नाट लकड़ा के अनुसार, बेल्जियम से आए तीनों फादर यहां ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने के साथ साथ सेवा का कार्य शुरू किया। उस समय बहुत कम लोग इस धर्म से जुड़े थे। बेल्जियम से आए मिशनरी फादरों ने कड़ी मेहनत कर धर्म का प्रचार अपने सेवा कार्य के द्वारा किया। धर्म के प्रचार के साथ उन्होंने लोगों का सामाजिक और आर्थिक विकास किया। इसके फलस्वरूप बड़ी संख्या में लोगों ने इस धर्म को स्वेच्छा से अपनाया। इसके बाद बेल्जियम से आए तीन मिशनरी फादरों ने गांवों में जाकर धर्म व सेवा का प्रचार किया। वर्ष 1961 में बेल्जियम के फादर पैट्रिक कॉमन्स ने सेंट मेरी चर्च की नींव रखी थी। 1985 के बीच इस चर्च में बेल्जियम से तीन फादर आए थे। फादर पैट्रिक कॉमन्स 1961 से 1963 तक फ्रेडरिक र्माईंसग 1963 से 1975 और जोसेफ क्रुम्मे 75 से 85 तक रहे। तीनों फादर एसवीडी धर्म समाज से संबंधित थे।
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