ओडिशा

ओपीएससी ने नियुक्ति प्रक्रिया पर लगाया ब्रेक, यूजीसी ने दी थी चेतावनी

Gulabi Jagat
28 May 2022 2:09 PM GMT
ओपीएससी ने नियुक्ति प्रक्रिया पर लगाया ब्रेक, यूजीसी ने दी थी चेतावनी
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यूजीसी का चेतावनी भरा पत्र मिलने के बाद ओडिशा लोक सेवा आयोग ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में विभिन्न नियुक्ति प्रक्रिया को
भुवनेश्वर। ओडिशा विश्वविद्यालय संशोधन कानून 20020 के उल्लंघन को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ओडिशा लोक सेवा आयोग (ओपीएससी) को चेतावनी भरा पत्र लिखा है। यूजीसी का चेतावनी भरा पत्र मिलने के बाद ओडिशा लोक सेवा आयोग ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में विभिन्न नियुक्ति प्रक्रिया को बंद कर दिया है। आगामी चार जून को होने वाली पदार्थ विज्ञान सहकारी प्रोफेसर के लिए साक्षातकार को भी आयोग ने बंद कर दिया है। उसी तरह से वाणिज्य सहकारी प्रोफेसर पदवी के लिए छह जून को डाक्युमेंट जांच प्रक्रिया होनी थी। इसे भी ओपीएससी की तरफ से बंद कर दिया गया है। अगले आदेश तक उक्त प्रक्रिया बंद रखे जाने की जानकारी ओपीएससी की तरफ से दी गई है। अब आगे कब परीक्षा होगी, वह विज्ञप्ति के माध्यम से परीक्षार्थियों को अवगत करने के लिए ओपीएससी स्पष्ट किया है।
जानें, क्या है मामला
गौरतलब है कि ओडिशा सरकार के संशोधन अधिनियम 2020 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है। इसके बावजूद ओपीएससी विश्वविद्यालयों के विभिन्न विभाग के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को जारी रखा था। इसे लेकर यूजीसी के सचिव ने नाराजगी जाहिर की थी। इसके साथ ही नियम ना मानने पर कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी यूजीसी ने दिया था। यूजीसी से चेतावनी मिलने के बाद अब ओपीएससी ने नियुक्ति प्रक्रिया पर ब्रेक लगा दी है। नौ नवंबर, 2021 को कानून विभाग की ओर से ओडिशा विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक लाए जाने के पश्चात इसके खिलाफ हाई कोर्ट में मामला दायर किया गया था। याचिका में दर्शाया गया था कि राज्य सरकार ने ओडिशा विश्वविद्यालय कानून में संशोधन कर नया कानून बनाया है, लेकिन ओडिशा विश्वविद्यालय कानून में संशोधन या बदलाव करने की क्षमता राज्य सरकार के पास नहीं है। यह क्षमता केवल देश के संसद में है। संसद द्वारा ही संशोधित कानून लाया जा सकता है। इसी तरह तमाम विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा विभाग के अधीन आ रहे हैं। ऐसे में इनकी संचालन की जिम्मेदारी यूजीसी के हाथ में है। ऐसे में राज्य सरकार ऐसा अध्यादेश लाकर विश्वविद्यालय की स्वतंत्रता को ठेस पहुंचा रही है। इसके चलते विश्वविद्यालय के कुलपति चुने जाने की व्यवस्था प्रभावित होने की काफी संभावना है। ओडिशा सरकार ने जो कानून बनाया है इसके तहत विश्वविद्यालय में अध्यापक नियुक्ति प्रक्रिया को ओडिशा लोक सेवा आयोग (ओपीएससी) संचालन करेगा।
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